प्रियंका गांधी ने मायावती को दी सीख, विपक्ष के नेता बीजेपी के अघोषित प्रवक्ता न बनें

मायावती ने चीन मुद्दे पर बीजेपी के स्टैंड के साथ खड़े होने की बात कही थी, उसी को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्विट किया है...

Update: 2020-06-30 03:30 GMT

जनज्वार। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा भारतीय जवानों पर किए गए कायराना हमले के बाद से विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं। खासकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल जैसे दल इसे सीधे तौर पर सरकार की नाकामी बता रहे हैं।

वहीं बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के स्टैंड के साथ होने की बात कही। अब इसे लेकर कॉंग्रेस उन्हें कठघरे में खड़ा कर रही है।

29 जून को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को कठघरे में खड़ा करते हुए एक पर एक दो ट्विट किए हैं। मायावती के दिए गए बयान को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई के ट्विट को कोट करते हुए प्रियंका गांधी ने यह बात कही है। 22 जून को मायावती ने एक के बाद एक दो ट्विट किए थे।

ट्विट में मायावती ने कहा था, 'अभी हाल ही में 15 जून को लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में कर्नल सहित 20 सैनिकों की मौत से पूरा देश काफी दुःखी, चिंतित व आक्रोशित है। इसके निदान हेतु सरकार व विपक्ष दोनों को पूरी परिपक्वता व एकजुटता के साथ काम करना है जो देश-दुनिया को दिखे व प्रभावी सिद्ध हो।'

मायावती ने साथ ही दूसरा ट्विट भी किया और कहा 'ऐसे कठिन व चुनौती भरे साल में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के संबन्ध में लोगों व विशेषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है,लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे। जो कि हर सरकार का दायित्व भी है।'

गलवान घाटी में हुई उस झड़प के एक सप्ताह बाद मायावती द्वारा किए गए इस ट्विट पर उस वक्त भी सवाल उठे थे। हालांकि 17 जून को भी मायावती ने एक ट्विट में कुछ ऐसी ही बात कही थी।

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17 जून को किए गए अपने दूसरे ट्विट में मायावती ने कहा था 'देश को विश्वास है कि भारत सरकार देश की आन, बान व शान के हिसाब से सही समय पर सही फैसला लेगी व देश की एक इंच जमीन भी किसी को कभी नहीं हड़पने देगी। अच्छी बात है कि सरकार की कमियों को भुलाकर ऐसे नाज़ुक समय में पूरा देश एकजुट है। अब सरकार को जनता की उम्मीद पर खरा उतरना है।'

29 जून को प्रियंका गांधी ने एक ट्विट किया है। ट्विट में उन्होंने लिखा है 'जैसे कि मैंने कहा था कि कुछ विपक्ष के नेता भाजपा के अघोषित प्रवक्ता बन गए हैं,जो मेरी समझ से परे है। इस समय किसी राजनीतिक दल के साथ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है। हर हिंदुस्तानी को हिंदुस्तान के साथ खड़ा रहना होगा, हमारी सरजमीं की अखंडता के साथ खड़ा होना होगा और जो सरकार देश की सरजमीं को गंवा डाले उसके खिलाफ लड़ने की हिम्मत बनानी पड़ेगी।'

एएनआई के जिस ट्विट को कोट करते हुए प्रियंका गांधी ने यह बात कही है, उस ट्विट में मायावती के हवाले से एएनआई ने लिखा है 'बहुजन समाज पार्टी भारत-चीन सीमा के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के स्टैंड के साथ है।'

विगत वर्षों में बहुजन समाज पार्टी ने कुछ बार बीजेपी के साथ गठबंधन किया है तो कुछ बार विपक्षी दलों के साथ। मायावती उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ भी सरकार चला चुकीं हैं और समाजवादी पार्टी के साथ भी। अभी बसपा का बीजेपी के साथ न तो केंद्रीय स्तर पर न ही उत्तर प्रदेश में कोई गठबंधन है।

ऐसे में सामान्य तौर पर यही माना जाता है कि वे विपक्ष में हैं। उनके किसी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ होने के बयान के बाद विपक्षी दलों का सवाल उठाना स्वाभाविक माना जा रहा है।

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