नहीं मानेंगे सिद्धू, एक बार फिर सीएम चन्नी को कटघरे में किया खड़ा, कहा - क्यों अपनी सरकार की निकाल रहे हो हवा
अरविंद केजरीवाल लोगों से पंजाब के बजट से कई गुना ज्यादा मुफ्त सेवा देने का ऐलान कर चुके हैं। पंजाब पर पहले से ही 7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। केजरीवाल पैसा कहां से लाएंगे।
Punjab News : सियासी मैदान के बड़बोले खिलाड़ी और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी फितरत से बाज आने वाले नहीं हैं। उन्होंने अपने बयान से एक बार फिर सीएम चेन्नी को छोटा दिखाने का प्रयास किया। उनकी इस हरकत की वजह से कांग्रेस की किरकिरी भी जारी है। दरअसल, सिद्धू ने विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे चुनावी वादों पर सवाल उठाया है। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी को भी नहीं बख्शा।
चन्नी ने की थी केबल शुल्क 100 रुपए करने की घोषणा
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा केबल टीवी शुल्क को 100 रुपए प्रति माह करने की घोषणा व्यावहारिक रूप से संभव नहीं थी। ट्राई ने 130 रुपए की दर तय की थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि चन्नी का प्रदर्शन पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से बेहतर है। इससे पहले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने केबल टीवी का मासिक शुल्क 100 रुपए करने की घोषणा की थी।
पैसे कहां से लाएंगे केजरीवाल, पंजाब पर है 7 लाख करोड़ का कर्ज
सिद्धू ने हर महिला को एक हजार रुपए देने की घोषणा को लेकर आप नेता अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक साधारण गणना यह उजागर करेगी कि यह व्यावहारिक है या नहीं। उदाहरण के लिए 26 लाख नौकरियां उपलब्ध कराने का मतलब 93,000 करोड़ रुपए का खर्च होगा। प्रति महिला 1,000 रुपए देने पर 12,000 करोड़ रुपए और दो किलोवाट मुफ्त बिजली आपूर्ति पर 3,600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन सभी मुफ्त सुविधाओं को एक साथ लेने पर 1.10 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। पंजाब का कुल बजट 72,000 करोड़ रुपए है। बाकी पैसा कहां से लाएंगे, केजरीवाल? सिद्धू ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में बहुत अंतर है। दिल्ली एक आत्मनिर्भर राज्य है जबकि पंजाब पर 7 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
2017 में केबल माफिया पर नकेल कसने के लिए लाया था बिल
वहीं सिद्धू ने ताजा ट्विट में कहा कि 2017 में, मैंने केबल माफिया के एकाधिकार को समाप्त करने और लोगों को सस्ता केबल कनेक्शन प्रदान करने के लिए पंजाब एंटरटेनमेंट टैक्स बिल को कैबिनेट में पेश किया था। पीसीसी प्रमुख ने कहा कि उनका पंजाब मॉडल नीति आधारित था। और इसका उद्देश्य एकाधिकार से राहत प्रदान करना था। उन्होंने कहा कि सोप्स सरकारी खजाने को खाली कर देंगे और आजीविका को खत्म कर देंगे।।