गरीबों की यात्रा का सबसे बड़ी साधन है ट्रेन, सरकार उसे भी सौंपने जा रही निजी हाथों में

मोदी सरकार ने बुधवार को कहा कि वह निजी संस्थाओं को यात्री ट्रेनों के परिचालन की अनुमति देने की योजना बना रही है, परियोजना में निजी क्षेत्र का निवेश लगभग 30,000 करोड़ रुपये का होगा...

Update: 2020-07-02 12:47 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निजी कंपनियों को यात्री ट्रेनें चलाने की अनुमति देने के सरकार के कदम को लेकर गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों से देश की 'जीवनरेखा' छीन रही है और जनता इसका करारा जवाब देगी।

राहुल ने एक समाचार रिपोर्ट को संलग्न करते हुए ट्वीट किया, 'रेल गरीबों की एकमात्र जीवनरेखा है और सरकार उनसे ये भी छीन रही है। जो छीनना है, छीनिए। लेकिन याद रहे- देश की जनता इसका करारा जवाब देगी।'

भारतीय रेलवे ने 109 जोड़ी निजी ट्रेनों के परिचालन में निजी भागीदारी को लेकर योग्यता प्रमाणित करने का अवसर पाने के लिए आवेदन आमंत्रित किया है।

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इसने बुधवार को कहा कि वह निजी संस्थाओं को यात्री ट्रेनों के परिचालन की अनुमति देने की योजना बना रहा है और इस परियोजना में निजी क्षेत्र का निवेश लगभग 30,000 करोड़ रुपये का होगा।

रेल मंत्रालय ने कहा कि पहल का उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी रोलिंग स्टॉक (रेल डिब्बे व इंजन) को कम रखरखाव, कम पारगमन समय के साथ पेश करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, बढ़ी हुई सुरक्षा प्रदान करना, यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव कराना है।

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