गुजरात हाईकोर्ट से पक्ष में फैसला न आने के बाद भी हीरो बने राहुल, मगर PM मोदी नहीं सो पायेंगे अगले 9 माह तक

मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, आप मुझे जेल में डाल दें, तब भी मैं सवाल पूछता रहूंगा, आपने मेरी संसद सदस्यता रद्द कर दी, तब भी मैंने सवाल पूछना बंद नहीं किया है। मुझे डिसक्वालीफाई करके धमकी से मुझे जेल में डालकर मेरी आवाज बंद नहीं कर सकते....

Update: 2023-07-08 10:14 GMT

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Rahul Gandhi : गुजरात हाइकोर्ट का फैसला के बाद राहुल गांधी इस देश के सबसे बड़े नेताओं में तो शुमार हो गए हैं इस बात को तो देश जानता है, लेकिन राहुल गांधी की यह लाइन की 'मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा' से प्रधानमंत्री मोदी को अगले 9 महीने तक नींद नहीं आने वाली। 'मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा, किसी चीज से नहीं डरता हूं...' ने भाजपा के सामने वाकई बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

भाजपा के राहुल गांधी को पप्पू बनाने से लेकर अब तक की जो यात्रा है, वह बता रही है कि राहुल गांधी में केमिकल रिएक्शन यानी आमूलचूल परिवर्तन हो चुका है, जिसकी उम्मीद भारतीय जनता पार्टी को नहीं थी। भाजपा नेता राहुल को गालियां देते रहे, लानत—मलानत, बेइज्जत करते रहे, लेकिन उन्हें शायद यह अहसास नहीं था कि इस बेइज्जती की जमीन पर राहुल गांधी एक ऐसे अवतार में अवतरित हो जायेंगे, जिसका अंदाज़ा अब प्रधानमंत्री मोदी को होना शुरू हो गया है। शायद पीएम मोदी और भाजपा को अफसोस होना शुरू हो गया हो कि कहां से राहुल के खिलाफ अदालत में एक मोदी को भेज दिया। उसके बाद तो ये हीरो ही बन गये हैं।

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जरा सोचिए की अदालत ने कहा क्या है। अदालत ने कहा है कि यह राहुल गांधी के साथ अन्याय नहीं है। अदालत में तमाम पुराने उन बयानों का हवाला दिया गया है जिन पर राहुल गांधी को आज की तारीख में भी कोई मलाल नहीं है और यही मलाल नहीं होना साहस को दर्शाता है। 2024 में राहुल गांधी एकमात्र नेता होंगे, जो 56 इंच को 6 इंच करने के लिए काफी होंगे। राहुल की वह पंक्तियां जो सोशल मीडिया पर वायरल हैं उससे जरूर प्रधानमंत्री मोदी की रातों की नींद उड़ चुकी होगी। राहुल कह रहे हैं, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, आप मुझे जेल में डाल दें, तब भी मैं सवाल पूछता रहूंगा, आपने मेरी संसद सदस्यता रद्द कर दी, तब भी मैंने सवाल पूछना बंद नहीं किया है। मुझे डिसक्वालीफाई करके धमकी से मुझे जेल में डालकर मेरी आवाज बंद नहीं कर सकते, मेरी वो हिस्ट्री नहीं है, मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं।'

विपक्ष ने जो चेहरा 2024 चुनाव के लिए चाहिए वह राहुल गांधी में जनता को दिखने लगा है। जनता को मेमना नहीं चाहिए, जनता को मजबूर भी नहीं चाहिए, जनता को भ्रष्ट नेता भी नहीं चाहिए और ईडी—सीबीआई से डरा हुआ नेता भी नहीं चाहिए, जिसके ऊपर मोदी वाशिंग पाउडर का असर हुआ हो, बल्कि उसे वह नेता चाहिए जो राहुल गांधी की तरह जुबान बोले, वह नेता चाहिए, जो कहे की आप चाहे जितने जुल्म कर लो, मैं लोकतंत्र को बचाने के अपने युद्ध से पीछे नहीं हटूंगा और यह बात राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं। उन्होंने यह साफ कर दिया है की ईडी—सीबीआई और इलेक्शन कमीशन के जरिये तैयार किया गया भाजपा वाशिंग पाउडर राहुल गांधी के शरीर पर असर नहीं डालेगा।

वैसे भी देश इस समय विपक्ष में एक ऐसा ही चेहरा खोज रहा था जो बिल्कुल डटकर मोदी की आंखों में आंखें डाले और कहे कि मैं भ्रष्ट नहीं हूं, मुझ पर ईडी—सीबीआई का कोई असर नहीं है और वह बोले की सांसद बनने का मुझे लालच नहीं है, मैं सड़कों का शहजादा हूं, मैं अब 'राजकुमार' तुम्हारे कहे अनुसार नहीं हूं, मैं सड़कों पर संघर्ष के लिए निकलूंगा, तुम चाहे मेरी जितनी जुबानबंदी करो, मैं हर सवाल जनता का उठाऊंगा।

ऐसा ही नेतृत्व जनता खोज रही है, विपक्ष में खड़ी वह 53—54% जनता अपने ऐसे ही नेता को खोज रही है, जनता ईडी और सीबीआई के डर से जुबान बंद किये नेताओं को नहीं खोज रही है, बल्कि जनता ऐसे नेताओं को खोज रही है, जिसमें राहुल का अक्स दिखाई दे रहा हो। अगले 9 महीने तक यानी चुनाव 2024 तक अब प्रधानमंत्री मोदी, उनके चाणक्य अमित शाह और भाजपा की पूरी आईटी सेल बेचैन हो जायेगी, क्योंकि राहुल गांधी ने सीधे कह दिया है कि मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा।

सत्तायें हमेशा सवालों से ही डरती हैं। सवाल के अलावा कोई अस्त्र नहीं है, जो किसी सत्ताधारी को अर्थ से फर्श पर ले आये। एकमात्र सवाल ही ऐसी चीज है, जिससे हर सत्ताधारी डरता है, लेकिन पिछले 8—9 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा और आरएसएस ने एक काम लिया किया है कि सवाल उठ ही नहीं पा रहे थे। लेकिन अब 2023 की शुरुआत के साथ यह बात शुरू हो गई है कि सवाल सत्ता के मुंह में ही जा रहा है और राहुल गांधी इसका नेतृत्व कर रहे हैं, यकीन मानिए राहुल गांधी की सिर्फ एक पंक्ति कि सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा, ने इस देश की उम्मीद को बदलने का काम किया। 

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