Rahul Gandhi News : राहुल गांधी ने उठाया चीनी सैनिकों द्वारा भारतीयों को प्रताड़ित करने का मुद्दा, पीएम मोदी की चुप्पी को बताया शमर्नाक
Rahul Gandhi News : राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश की स्थिति को शर्मनाक बताया है, भाजपा सांसद के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि चीन हमारे नागरिकों को उठाकर उनके साथ मारपीट कर रहा है लेकिन पीएम मोदी इस ओर से आंख बंद किए बैठे हैं...
Rahul Gandhi News : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वास्वतिक नियंत्रण रेखा पर जारी चीनी कोशिशों का जिक्र करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला है। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश की स्थिति को शर्मनाक बताया है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने सीमा पर चीन की ओर से आम लोगों के साथ हिंसा किए जाने की बात कही है। जिसके बाद अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले को उठाया है। राहुल गांधी ने भाजपा सांसद के बयान का हवाला देते हुए कहा है कि चीन हमारे नागरिकों को उठाकर उनके साथ मारपीट कर रहा है लेकिन पीएम मोदी इस ओर से आंख बंद किए बैठे हैं।
राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज गुरुवार 3 फरवरी को ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर एक और वार किया है| राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि है कि 'चीन ने पहले हमारे देश की जमीन पर कब्जा किया और अब हमारे नागरिकों का अपहरण व टॉर्चर कर रहा है। मोदी जी चुपचाप अच्छे दिनों का इंतज़ार कर रहे हैं। शर्मनाक|'
बता दें कि इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने एक खबर को भी साझा किया गया है। इसमें लिखा है कि अरुणाचल से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा कि चीन लगातार हमारे लोगों को उठा रहा है, सरकार इसका हल निकाले।
मिराम तोरन को चीनी सैनिकों ने किया प्रताड़ित
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए अरुणाचल प्रदेश के किशोर मिराम तरोन (17) के जिदो गांव में अपने परिवार के साथ फिर से मिलने के एक दिन बाद उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे कैद में प्रताड़ित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मिराम तोरन के पिता ओपंग टैरोन ने कहा है कि 'मेरे बेटे को चीनी सैनिकों ने कई बार पैरों से मारा। उन्होंने उसे दो बार बिजली का झटका भी दिया।' मिरम तोरन का दोस्त जॉनी येइंग शिकार करने उसके साथ गया था| जॉनी येईंग ने बाद में बताया कि वे अंधेरे में जंगल से गुजर रहे थे। इसी दौरान पीएलए के कुछ सैनिक अचानक कहीं से दिखाई दिए और मिराम को बंदूक के बल पर अपहरण कर लिया। जॉनी मौके से भागने में सफल रहा और भारतीय अधिकारियों को घटना की सूचना दी।
बता दें कि मिराम तोरन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लुंगटा जोर इलाके के करीब एक शिकार दल का हिस्सा था। मिराम तोरन का कथित तौर पर 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के भीतर पीएलए द्वारा अपहरण कर लिया गया था। बता दें कि उत्तर-पूर्वी राज्य में स्थानीय जनजातियों के बीच जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करना और जंगल में कभी-कभी शिकार करना आम परंपरा है।
भारतीय सेना को सौंपा गया मिराम तोरन
अपहरण के बाद मिराम के परिवार ने पास के तूतिंग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और राजनयिक माध्यमों से लड़के को वापस लाने के लिए चीन के साथ बातचीत शुरू की गई। सांसद तापिर गाओ ने ट्वीट कर इस मामले को उजागर किया। भाजपा सांसद तापिर गाओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि 'चीनी पीएलए ने कल 18 जनवरी 2022 को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के सियुंगला क्षेत्र (बिशिंग गांव) के तहत लुंगटा जोर क्षेत्र (चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण) के अंदर से जिदो गांव के 17 साल के श्री मिराम टैरोन का अपहरण कर लिया है।'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों देशों के बीच एक हफ्ते से अधिक समय तक चली उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता के बाद, मिराम को 27 जनवरी को अंजाव जिले के किबिथू सेक्टर में वाचा-दमाई इंटरेक्शन पॉइंट पर भारतीय सेना को सौंप दिया गया था।
मिराम तोरन का हुआ स्वागत
मिराम तोरन को अकेले में रखा गया ताकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके। कुछ कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी करनी थीं। उसके दोस्त जॉनी को उसकी पहचान के लिए किबिथू ले जाया गया। लगभग दो सप्ताह के बाद बीते सोमवार की शाम को मीराम तोरन अपने परिवार के साथ फिर से मिल गया।
बता दें कि मिराम तोरन के लौटने पर स्थानीय प्रशासन और उनके गांव के नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं मिराम तोरन के पिता ओपांग तोरन ने कहा कि वह चीनी सैनिकों द्वारा अपने बेटे के साथ किए गए व्यवहार से दुखी था। साथ ही उन्होंने कहा कि 'मेरा बेटा मौके से भागने की कोशिश कर रहा था और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे कुछ सैनिकों को खरोंच दिया। उन सैनिकों में से एक ने मेरे बेटे को कई बार पैरों से मारा।'
मिराम को दिए बिजली के झटके
मिराम तोरन के पिता ने कहा कि 'चीनी सैनिक उसे पीएलए शिविर में ले गए और तिब्बती भाषा में उससे पूछताछ की, जिसे वह समझने में विफल रहा। मेरे बेटे ने हिंदी और आडी भाषा, जो हमारी मातृभाषा है, में संवाद करने की कोशिश की। चीनी समझ नहीं पाए कि वे क्या कह रहे थे और तिब्बती में उनसे सवाल करना जारी रखा। चूंकि वह उन्हें समझने में विफल रहा, इसलिए वे परेशान हो गए। बाद में उन्होंने उसे बिजली के झटके दिए।' मिराम के पिता 49 वर्ष के है| साथ ही उन्होंने कहा कि उनका बेटा अब भी बहुत दर्द में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'हमने सेना के अधिकारियों से संपर्क किया। उन्होंने हमें उसके इलाज में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल हम उसकी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।'
मिराम तोरन की आंख पर बंधी रहती थी पट्टी
इसके साथ ही ओपांग तोरन ने कहा कि उनके बेटे ने उनसे कहा है कि 'जब उन्हें बंदी बनाया गया था, तो उन्हें पर्याप्त भोजन दिया गया था। हालांकि, ज्यादातर समय उसकी आंखों पर पट्टी बंधी रही।' साथ ही ओपांग ने कहा कि उसके अपहरण के सुर्खियों में आने के बाद यातना बंद हो गई। बता दें कि इससे पहले 2020 में, अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लोग लापता हो गए थे और 10 दिनों के बाद चीनी अधिकारियों द्वारा उन्हें वापस सौंप दिया गया था। उस दौरान भी सांसद तापिर गाओ और कांग्रेस पासीघाट विधायक निनॉन्ग एरिंग ने आरोप लगाया था कि युवकों के अपहरण के पीछे पीएलए का हाथ है। हालांकि बाद में पता चला कि शिकार करते समय वे अनजाने में सीमा पार भटक गए थे।