देश के जाने-माने पत्रकार रवीश का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, इस जुनून ने बना दिया सोशल थिंकर

देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार रवीश तिवारी ( Ravish Tiwari ) का निधन हो गया है। समाज की गहराईयों को समझने के प्रति उनकी गहरी रुचि और जुनून ने उन्हें एक सोशल थिंकर बना दिया।

Update: 2022-02-19 06:28 GMT

नई दिल्ली। देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार रवीश तिवारी ( Ravish Tiwari ) का निधन हो गया है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने भी शोक जताया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( CM Arvind Kejriwal ) ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उनके असामयिक निधन की सूचना के बाद से राजनीति और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख हस्तियों द्वारा शोक व्यक्त करने का सिलसिला जारी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नियति ने रवीश तिवारी को बहुत जल्दी ही हमसे छीन लिया। मीडिया जगत में उनके निधन से एक शानदार करियर और प्रतिभा का अंत हो गया। मुझे उनकी रिपोर्ट पढ़ने में आनंद आता था। मैं समय-समय पर उनसे बात भी करता था। वह गहरी समझ रखने वाले और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके परिजनों और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति। 

रवीश के लिए पत्रकारिता एक जुनून था

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर कहा कि रवीश तिवारी के लिए पत्रकारिता एक जुनून था। उन्होंने इसे आकर्षक करियर के रूप में चुना। उनके पास रिपोर्टिंग और तीक्ष्ण कमेंट्री के लिए एक गहरी आदत थी। उनका अचानक निधन ने मीडिया में एक अलग आवाज को दबा दिया। उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय ब्यूरो के प्रमुख रवीश तिवारी के असामयिक निधन पर गहरी संवेदना जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उनके निधन का अत्यंत दुखद है। उनके परिवार, दोस्तों और न्यूज रूम के सहयोगियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।

रविश तिवरी ने अपनी स्कूली शिक्षा नवोदय विद्यालय से हासिल की थी। इंजीनियरिंग की IIT मुंबई और उसके बाद राजनीति और समाज की गहराईयों को समझने के प्रति उनकी गहरी रुचि और जुनून ने उन्हें एक सोशल थिंकर बना दिया। 2005-06 में भारत में माध्यमिक शिक्षा में सामाजिक न्याय का अध्ययन करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय पहुंच गए। आईआईटी बॉम्बे में,वह टेकफेस्ट के पीछे टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक थे जो प्रौद्योगिकी और नीति विषय पर एक वार्षिक सभा थी।

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