अखिलेश यादव से मिले रीता बहुगुणा के बेटे मयंक, लखनऊ कैंट और सरोजिनी नगर सीट पर कितना पड़ेगा असर?

UP Election 2022 : रीता बहुगुणा जोशी ने बेटे को टिकट मिलने पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार रहने की भी बात कही थी, लेकिन भाजपा ने मयंक को टिकट नहीं दिया। तभी से मां-बेटे भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहे थे।

Update: 2022-02-23 03:19 GMT

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान शुरू होने से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) से रीता बहुगुणा जोशी ( Rita Bahuguna Joshi ) के बेटे मयंक जोशी (  Mayank Joshi ) ने मुलाकात की। अखिलेश यादव ने मयंक जोशी के साथ मुलाकात को लेकर एक फोटो भी ट्विटर पर साझा किया है। अब इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सपा प्रमुख की नजर प्रतिष्ठित लखनऊ कैंट ( Lucknow Cantt ) और सरोजिनी नगर ( Sarojini Nagar ) सीट पर है। इस सीट पर ब्राह्मण और उत्तराखंड के मतदाताओं को अपने पक्ष करने और भाजपा को सियासी मात देने के मकसद से ऐसा किया गया है। लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या सपा को इसका लाभ मिलेगा।

दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि मयंक जोशी भले ही मतदान से पहले अखिलेश से मुलाकात की है, लेकिन परदे के पीछे से वो सपा के लिए पहले से ही काम कर रहे थे। यही वजह है कि मयंक जोशी सपा प्रमुख से मुलाकात के तुरंत बाद पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ( Abhishek Mishra ) से भी मिलने पहुंचे थे। अभिषेक मिश्रा लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। सपा प्रमुख अखिलेश ( Akhilesh yadav ) ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। लेकिन चुनाव की पूर्व संध्या पर हुई इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

दरअसल, मयंक जोशी ने बीजेपी से टिकट के लिए भी आवेदन किया था। मयंक ने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से भाजपा नेतृत्व से टिकट मांगा था। यहां से उनकी मां रीता बहुगुणा जोशी विधायक रह चुकी हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने बेटे को टिकट मिलने पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार रहने की भी बात कही थी, लेकिन भाजपा ने मयंक को टिकट नहीं दिया। तभी से मां-बेटे भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहे थे।

भाजपा ( BJp ) से टिकट न मिलने के बाद ये ही मयंक के सपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ। सपा ने लखनऊ कैंट की चुनावी रणभूमि में राजू गांधी को उतारकर मयंक के पार्टी में शामिल होने को लेकर अटकलों पर विराम लगा दिया थां। अब मतदान से ठीक एक दिन पहले अखिलेश यादव और अभिषेक मिश्रा के साथ मयंक की तस्वीर को सपा की ओर से ब्राह्मण, खासकर उत्तराखंडी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

UP Election 2022 : अखिलेश सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ( Abhishek Mishra ) खुद सपा के टिकट पर सरोजनीनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं। सरोजनी नगर सीट की गिनती भी ब्राह्मण बाहुल्य सीटों में होती है। अभिषेक मिश्रा भी सपा ( Samajwadi Party ) के बड़े ब्राह्मण चेहरों में गिने जाते हैं। अब अभिषेक के साथ मयंक की तस्वीर को ब्राह्मण मतदाताओं ( Brahmin Voters ) को संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ताकि सपा भाजपा से ये सीट झटक सके। 

लखनऊ कैंट का सियासी समीकरण

लखनऊ कैंट सीट का सियासी इतिहास भाजपा ( BJP ) के पक्ष में रहा है। 1991 से लेकर 2019 तक के उपचुनाव में केवल 2012 में कांग्रेस के टिकट पर रीता बहुगुणा जोशी भाजपा को हराने में सफल हुई थीं। बाकी सभी चुनावों में भाजपा का परचम लहराता रहा है। लखनऊ कैंट सीट पर मतदाताओं की संख्या 3,65,241 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,95,392 है। महिला मतदाता 1,69,828 और थर्ड जेंडर 21 हैं। सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता डेढ़ लाख हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 40 हजार है। सिंधी ओर पंजाबी 50 हजार, वैश्य 25 हजार, अनुसूचित जाति के मतदाता 25 हजार हैं। शेष अन्य मदाता हैं।

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