मनोज झा को नहीं मिली Pakistan जाने की इजाजत, इससे पहले केंद्र ने केजरीवाल को सिंगापुर जाने से रोका था
आरजेडी सांसद मनोज झा ने केंद्र के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय से मंज़ूरी मिल चुकी थी लेकिन विदेश मंत्रालय ने राजनीतिक स्वीकृति नहीं दी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार विरोधी दलों की मुहिम से इतना डरी हुई है कि वो विपक्षी दलों के किसी भी नेता विदेश जाने की इजाजत तक नहीं देना चाहती। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है,लेकिन मोदी सरकार ( modi sarkar ) इस बात से पूरी तरह बेपरवाह है। ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल ( RJD ) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ( Manoj Jha ) के पाकिस्तान ( Pakistan ) यात्रा से संबंधित है। आरजेडी सांसद मनोज झा की प्रस्तावित पाकिस्तान यात्रा को केंद्र सरकार ने राजनीतिक स्वीकृति देने से मना कर दिया है। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ( Arvind kejriwal ) को भी केंद्र सरकार ने सिंगापुर ( Singapore ) जाने की इजाजत नहीं दी थी।
23 अक्टूबर को लाहौर जाने वाले थे आरजेडी नेता
पाकिस्तान ( Pakistan ) की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता अस्मा जहांगीर की याद में 23 अक्टूबर को लाहौर में आयोजित कार्यक्रम में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में राजनीतिक दलों की भूमिका विषय पर बोलने के लिए मनोज झा ( Manoj Jha ) को पाकिस्तान जाना था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक झा को अस्मा जहांगीर फाउंडेशन, पाकिस्तान बार काउंसिल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान और एजीएचएस लीगल एड सेल द्वारा अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था।
मनोज झा ने केंद्र सरकार के फैसले को पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उन्हें लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ाई में भारतीय राजनीतिक दलों के तौर तरीकों के बारे में बताने का एक अच्छा मौका मिला था। उन्होंने कहा कि अस्मा जहांगीर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता थीं। 2018 में उनका निधन हो गया था। उन्हीं की याद में एक कार्यक्रम में बोलने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने वजह बताने से भी किया इनकार
मनोज झा ( Manoj Jha ) ने बताया कि सोमवार को उन्हें गृह मंत्रालय से एक पत्र मिला था। पत्र में उनके लाहौर दौरे के दौरान दो दिवसीय सम्मेलन में विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने के लिए विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 6 के तहत पूर्व अनुमति के उनके ऑनलाइन आवेदन को मंजूरी दी गई थी लेकिन विदेश मंत्रालय ने बिना कोई कारण बताए राजनीतिक मंजूरी के उनके आवेदन को खारिज कर दिया।