आरएसएस के खिलाफ नागपुर में बवाल, भारत मुक्ति मोर्चा के 200 से ज्यादा कार्यकर्ता गिरफ्तार

Nagpur News : भारत मुक्ति मोर्चा के नेताओं का आरोप है कि आरएसएस संविधान विरोधी है।

Update: 2022-10-06 06:57 GMT

file photo

Nagpur News : महाराष्ट्र के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) की संविधान विरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार सुबह से भारत मुक्ति मोर्चा ( Bharat Mukti Morcha ) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का बवाल जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक भारत मुक्ति मोर्चा ( BMM workers arrested ) के 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया है। भारत मुक्ति मोर्चा के नेताओं का आरोप है कि आरएसएस ( RSS ) संविधान विरोधी है। वह मनुवादी व्यवस्था को फिर से सभी पर थोपना चाहती है।

भारत मुक्ति मोर्चा ( Bharat Mukti Morcha ) ने 6 अक्टूबर को बेझनबाग मैदान पर सभा और बड़कस चौक तक रैली निकालने की घोषणा पहले ही कर दी थी। बीएमएम ने दावा किया था कि आरएसएस विरोधी रैली में 2 लाख से अधिक समर्थक शामिल होंगे। सभा और रैली की इजाजत न मिलने पर बीएमएम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

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रैली की नहीं दी थी इजाजत

नागपुर ( Nagpur ) के पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि भारत मुक्ति मोर्चा ( Bharat Mukti Morcha ) ने 6 अक्टूबर को प्रदर्शन और रैली निकालनेके लिए इजाजत मांगी थी। कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए हमने उन्हें इसकी परमिशन नहीं दी थी। इसके बावजूद भारत मुक्ति मोर्चा ने असहयोगी रुख अख्तियार किया और प्रदर्शन का आयोजन किया। इस बात को ध्यान में रखते हुए नागपुर पुलिस ने जरीपटका और पंचपौली क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है। साथ ही बीएमएम ( BMM ) के कुछ नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है।

वामन मेश्राम को रिहा करो, RSS के हमलों से संविधान को बचाओ

भारत मुक्ति मोर्चा के नेता वामन मेश्राम की गिरफ्तारी के बाद से सोशल मीडिया पर भी आरएसएस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर यूजर्स सभी से आरएसएस से संविधान की रक्षा करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही पुलिस को चेतावनी भरे लहजे में कह रहे हैं कि हमारे नेता वामन मेश्राम को रिहा करो।

एक ट्विटर यूजर हिम्मत मल सिंघल @हिम्मतसिंहल ने अपने ट्विट में लिखा है कि धरना प्रदर्शन अनुच्छेद-19 किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। मौलिक अधिकारों को बचाने के लिए #RSS और पूरी व्यवस्था संविधान के खिलाफ व्यवहार कर रही है, इसलिए संविधार को आरएसएस से बचाने की जरूरत है।

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