Russia-Ukraine war : रणदीप सिंह सुरजेवाला का पीएम पर तंज, सहायता नहीं, केवल इस बात की सलाह देते हैं मोदी
Russia-Ukraine war : केंद्र सरकार को यूक्रेन में छात्रों को हो रही परेशानियों की परवाह नहीं है। मैं, पूछता हूं, बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ आखिर कब तक?
Russia-Ukraine war : पिछले छह दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच वहां पर आज भी 18 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र ( Indian Student ) फंसे हुए हैं और उनकी जान खतरे में हैं। काफी लेटलतीफी के बाद मोदी सरकार ( Modi Government ) ने आपरेशन गंगा के तहत कुछ कदम तो उठाए हैं, लेकिन इसका लाभ अभी तक यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। इस बीच कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ( Randeep Singh surjewala ) ने एक ट्विट कर पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) पर तंज कसा है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ताजा ट्विट में कहा है कि जिंदगी और मौत के बीच हजारों भारतीयों को 'सहायता' करने की बजाय पीएम मोदी ( PM Modi ) 'आत्मनिर्भर की सलाह युवाओं को देते हैं। जबकि बीते 5 दिनों से #Ukrain में मोदी सरकार ( Modi Government ) हजारों बच्चों को बस यहां से वहां भगा रही है? तबाही के मंजर में भला बाहर कैसे निकलें, दूरी कैसे तय करें और कहां जाएं, ये छात्र इस बात की परवाह केंद्र सरकार को नहीं है। मैं, पूछता हूं, बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ आखिर कब तक।
26 फरवरी को भी उन्होंने एक ट्विट में लिखा था कि जान बचाने के लिए बंकरों और अंडरग्राउंड मेट्रों में बैठे हजारों लोगों का दम घुट रहा है। बच्चे भूखे-प्यासे डरे हुए हैं। बाहर निकलने की भी हालत में नहीं हैं। इसके बावजूद उन्हें कभी इधर कभी उधर में उलझाया जा रहा है। लोगों की सांस अटकी है, मगर प्रचारजीवी चुनाव और वेबिनार में व्यस्त हैं?
27 फरवरी को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मिसाइलों/बमों के बीच जिंदगी और मौत से जूझ रहे हमारे हजारों बच्चे भूखे-प्यासे बंकरों में ईंट पत्थरों पर सांसें गिन रहे हैं। मगर देश के अंदर हमारे प्रचारजीवी आत्ममुग्धता की सेज पर चुनावी आक्सीजन फूंक रहें हैं। उन्होंने पीएम ( PM Modi ) का नाम लिए बगैर कहा है कि सत्ता की सनक में उनकी ये संवेदना की शून्यता समझ से परे है। उनकी इस संवेदनहीनता और शून्यता को देश बार-बार देखने को क्यों मजबूर है?
सुरजेवाला ( Randeep Singh Surjewala ) ने कहा था कि सरकार की विफलता का एक और जीता जागता उदाहरण अपने नागरिकों के जानमाल की रक्षा न कर पाना है। किसी भी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। आज ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनी हुई है कि यूक्रेन में जहां दुनिया की तमाम सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा को सबसे अधिक तरजीह दे रही हैं, वहीं विश्वगुरु बनने का दम्भ भरने वाली मोदी सरकार ने अपने 20,000 से अधिक नागरिकों, बच्चों और छात्रों को रॉकेटों, तोपों और मिसाइलों के बीच भगवान भरोसे छोड़ा हुआ है।