अखिलेश बोले- बड़े दलों के साथ हमारा अनुभव खराब, छोटे दलों के साथ लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लोकसभा चुनाव में बसपा जैसी बड़ी पार्टियों से गठबंधन का समाजवादी पार्टी को लाभ नहीं हुआ था,ऐसे में पार्टी ने साल भर बाद होने जा रहे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदल ली है...
जनज्वार ब्यूरो/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव में बड़े दलों के साथ गठजोड़ करने का हमारा अनुभव खराब रहा है। इसलिए अगला विधानसभा चुनाव हम छोटे दलों से गठबंधन कर लड़ेंगे। मात्र साल भर बाद होने वाले उत्त्तप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश ने इस बयान के जरिए यह संकेत दे दिया है कि वह कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी से अब गठबंधन नहीं करेंगे।
मालूम हो कि 2017 का विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस से गठबंधन कर लड़ा था, लेकिन दोनों दलों के गठजोड़ के बाद भी समाजवादी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया। दोनों दल अपना-अपना वोट एक दूसरे को ट्रांसफर करवाने वाले में विफल रहे। साझा वोट प्रतिशत बढने के बजाय और घट गया।
इसी तरह 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर लड़ा। इस चुनाव में भी गठबंधन का दोनों दलों को कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। बाद में दोनों दलों की दूरियां भी बढ गईं। यहां तक की मायावती ने यह तक कहा कि उनके दबाव में गेस्ट हाउस केस को वापस लेना उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल है। मायावती ने कहा था कि गठबंधन की बात होने के बाद अगले ही दिन से वे केस वापसी के लिए दबाव बनाने लगे।
फिर हाल ही में बसपा के कुछ नेता दल-बदल कर सपा में शामिल हो गए, इससे भी दोनों दलों की दूरियां बढी हैं। अखिलेश अब उत्तरप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र में प्रभावी छोटे राजनीतिक घटक दलों से समझौता कर चुनाव लड़ेंगे, जिससे वे उस क्षेत्र विशेष में उनके मार्जिन वोट बैंक का लाभ लेने की कोशिश करेंगे। भाजपा इस रणनीति पर पहले से काम कर करती रही है।