संंकट के बीच संयज राउत का बड़ा बयान, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा शिवसेना की सत्ता जाएगी, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के आसार
शिवसेना सांसद संजय राउत ने संकेत दिया है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र विधानसभा को भंग करने का फैसला ले सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
Maharashtra Political News : महाराष्ट्र शिवसेना में बगावत ( revolt in Maharashtra Shiv Sena ) के बाद सियासी गहमागहमी चरम पर है। वहीं सियासी संकट ( Political Crisis) के बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ( Sanjay Raut ) ने बड़ा बयान दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा ताजा सियासी संकट का परिणाम क्या होगा, शिवसेना ( Shiv Sena ) की सत्ता चली जाएगी। सत्ता जाएगी तो फिर आ जाएगी
संजय राउत ( Sanjay Raut ) के इस बयान से साफ है कि शिवसेना नेतृत्व को यह अहसास हो गया है कि इस बार क्राइसिस को मैनेज करना अब उसके बस में नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) ने शाम पांच बजे विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है। उससे पहले एक बजे सीएम उद्धव ठाकरे कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेंगे। दोपहर में उनकी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात भी प्रस्तावित है।
महाराष्ट्र विधानसभा हो सकता है भंग
संजय राउत ( Sanjay Raut ) ने कहा कि हमारे लिए शिवसेना सबसे ऊपर है। पार्टी की प्रतिष्ठा हमारे लिए सबसे पहले है। सत्ता तो आती जाती रहती है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde ) सच्चे शिवसैनिक हैं। शायद उन्होंने यह बयान देकर शिंदे को समझौते का संकेत दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा है कि उद्धव ठाकरे आज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। साथ ही उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा भी भंग ( Maharashtra assembly also dissolved ) हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
दूसरी तरफ शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह अपनी गुट को असली शिवसेना बनाएंगे। उनके समर्थन में आरपीआई नेता रामदास अठावले ने कहा है कि ये तो होना ही था। एकनाथ शिंदे वाला गुट ही असली शिवसेना है।
Maharashtra Political News : वहीं महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एनसीपी और कांग्रेस और एनसीपी ने भी पार्टी विधायकों और नेताओं की बैठक बुलाई है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक से दो दिनों के बीच बड़ा उलटफेर हो सकता है।