स्कूल, कॉलेज, फैक्ट्रियां सब बंद, लेकिन राम मंदिर का काम 10 जून से शुरू
राममंदिर का निर्माण ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जबकि पूरा देश लॉकडाउन है। स्कूल—कॉलेज—फैक्ट्रियां कोरोना की भयावहता के बीच बंद हैं....
जनज्वार। अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का काम बुधवार से 'रुद्र अभिषेक' समारोह के बाद शुरू होगा। इस समारोह में सीमित संख्या में लोग शामिल होंगे और यह कुबेर टीला मंदिर में आयोजित होगा। एक भव्य भूमिपूजन समारोह को आयोजित करने की भी योजना बनाई गई थी, जिसे कोरोना संकट के मद्देनजर फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य 10 जून को 'रुद्र अभिषेक' के बाद शुरू होगा।
राममंदिर का निर्माण ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जबकि पूरा देश लॉकडाउन है। स्कूल—कॉलेज—फैक्ट्रियां जहां कोरोना की भयावहता के बीच बंद हैं, आखिर ऐसे में राममंदिर निर्माण का क्या तुक बनता है। राम मंदिर निर्माण कोरोना की भयावहता के बीच किये गये लॉकडाउन के समय में करने का सोशल मीडिया पर लोग विरोध कर रहे हैं।
दूसरी तरफ राम मंदिर निर्माण पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा कि "हम भगवान शिव की पूजा करके सबसे पहले भगवान राम की परंपरा का पालन करेंगे।"
रामलला के 'सबसे प्रिय मित्र' त्रिलोकी नाथ पांडे ने कहा कि कुबेर टीला पर भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। 10 जून को सुबह 8 बजे प्रार्थना उसी मंदिर में होगी।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष की ओर से महंत कमल नयन दास द्वारा अन्य पुजारियों के साथ विशेष प्रार्थना की जाएगी। इसमें दो घंटे के करीब वक्त लगेगा।
इस बीच भक्त अंत में भगवान राम की प्रार्थना करने में सक्षम होंगे क्योंकि राम जन्मभूमि पर अस्थायी मंदिर 77 दिनों के अंतराल के बाद सोमवार को खुलेगा।
मंदिर सुबह आठ बजे से दोपहर के एक बजे तक और फिर तीन बजे से शाम के छह बजे तक कुल आठ घंटे के लिए खुला रहेगा। इस दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।