शिवराज मंत्रिमंडल में सिंधिया का राज, उमा भारती ने जताई कड़ी नाराजगी

मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती शिवराज कैबिनेट के विस्तार से नाराजगी जताई हैं। उन्होंने कहा है कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। बता दें कि शिवराज कैबिनेट में गुरुवार को कुल 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जिसमे सिंधिया खेमे के 14 मंत्री हैं।

Update: 2020-07-03 06:34 GMT

जनज्वार। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती शिवराज कैबिनेट के विस्तार से नाराजगी जताई हैं। उन्होंने कहा है कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। बता दें कि शिवराज कैबिनेट में गुरुवार को कुल 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जिसमे सिंधिया खेमे के 14 मंत्री हैं।

आज तक के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और बीजेपी एमपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक चिट्ठी लिखी है। उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसी वजह से मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए।


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उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है, "मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, "मैं हिंदुत्व के लिए छह साल की उम्र से सक्रिय हूं, लेकिन मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी। 27 से 55 वर्ष की आयु में पार्टी ने मुझे विभिन्न पद दिए, जिसके लिए मैं आभारी हूं।"

चिट्ठी में उमा भारती ने आगे लिखा, "मेरे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया गया। मुझे खुशी है कि कांग्रेस ध्वस्त हो गई है और सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन जहां तक ​​मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल है मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।"

बता दें कि सिंधिया समर्थक जिन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, इनमें से कोई भी फिलहाल विधानसभा का सदस्य नहीं है। ये सभी मार्च माह में कांग्रेस से बागी होकर विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे।

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