पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-वामदलों के गठबंधन पर मुहर, ममता और बीजेपी को मिलकर देंगे चुनौती

वैसे लेफ्ट पार्टियों ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का मन बना लिया था और कांग्रेस का रुख सामने आने का इंतजार किया जा रहा था, अब कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टीज के साथ गठबंधन करने का फैसला ले लिया है...

Update: 2020-12-24 14:34 GMT

जनज्वार। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का वामदलों के साथ गठबंधन होगा। बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने ममता बनर्जी के साथ गठबंधन नहीं कर वामपंथी पार्टियों के साथ फिर से मैदान में उतरने का फैसला किया है।

वैसे लेफ्ट पार्टियों ने पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का मन बना लिया था और कांग्रेस का रुख सामने आने का इंतजार किया जा रहा था। अब कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टीज के साथ गठबंधन करने का फैसला ले लिया है।

24 दिसंबर, गुरुवार को पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसकी घोषणा कर दी है। चौधरी ने कहा है कि पार्टी आलाकमान ने लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी है।


अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता भी हैं। गुरुवार को अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस एक बार फिर वामदलों के साथ गठबंधन कर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।

उल्लेखनीय है कि बंगाल में अगले वर्ष अप्रैल–मई में चुनाव संभावित हैं। साल 2016 के पिछले चुनाव में भी कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, लेकिन यह गठजोड़ सफल नहीं हो पाया था।

उस वक्त जहां कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटों से संतोष करना पड़ा था, वहीं वामदलों को भी कोई खास फायदा नहीं हुआ था और उन्हें भी महज 32 सीट ही मिली थी। जबकि अकेले लड़ रही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की सभी 294 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उन्हें 211 सीट पर जीत मिली थी। उधर पिछले चुनावों में भाजपा को सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

हालांकि साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में तसवीर पूरी तरह से पलट गई थी। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल के 42 में से 18 लोकसभा सीट पर जीत प्राप्त की थी, जबकि तृणमूल को 22 सीट पर जीत मिली थी।

इसके अलावा बची हुई दोनों सीट कांग्रेस के हिस्से में गई थी। उस बार लेफ्ट पार्टियों का खाता तक नहीं खुल सका था। पिछले लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 40 प्रतिशत से ज्यादा पर पहुँच गया था।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए इस बार भारतीय जनता पार्टी अभी से ही पूरा जोर लगा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हाल में बंगाल दौरे पर थे। वहां उन्होंने किसान और एक लोकगायक के घर जाकर खाना तो खाया ही, बंगाल में रोडशो भी किया।

इससे पहले पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बंगाल दौरा कर चुके हैं। बंगाल चुनावों के लिए पार्टी ने कई स्तर के चुनाव प्रभारियों, संयोजकों और सह संयोजकों की टीम बना कर मतदाताओं को अपने पाले में करने की लगातार कोशिश कर रही है। बंगाल के बड़े राजनेता शुभेंदु अधिकारी समेत तृणमूल के कई कद्दावर नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है।

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