Shiv Sena News : 'शिवसेना किसकी' विवाद पर फिर टली सुनवाई, 8 अगस्त को होने वाली सुनवाई अब 12 अगस्त हो होगी

Shiv Sena News : शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट के दावे पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट में अब सुनवाई टल गई है। जो सुनवाई 8 अगस्त को होने वाली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी...

Update: 2022-08-08 14:15 GMT

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Shiv Sena News : शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट के दावे पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट में अब सुनवाई टल गई है। जो सुनवाई 8 अगस्त को होने वाली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी। हालाँकि पहले से ये दावे किए जा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर चुनाव आयोग के समक्ष शिवसेना इस सुनवाई को रुकवाने का प्रयास करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के सियासी मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को तत्काल कोई फैसला न लेने को कहा। चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से पहले ही शिवसेना के कब्जे के दावे पर 8 अगस्त तक दोनों पक्षों से दस्तावेज जमा कराने का आदेश दे चुका था। इन दस्तावेज में शिवसेना का पार्टी संविधान, पिछले कुछ वर्षों का पार्टी के आंतरिक चुनावों का इतिहास और नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों आदि के बारे में दस्तावेजी सबूत पेश करने होंगे।

दोनों गुटों के बीच तीखी बहस

शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उध्दव ठाकरे गुट के अलग होने के बाद से ही दोनों गुट एक दूसरे पर अलग अलग बयान दे रहे हैं। इसे पहले की सुनवाई में दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर निशाना साधते हुए कोर्ट में तीखी बहस की थी। चार दिन पहले हुई सुनवाई पर CJI ने चुनाव आयोग के वकील से कहा था कि दोनों पक्ष चुनाव आयोग में सोमवार यानी आज हलफनामा दे सकते हैं। अगर कोई पक्ष समय की मांग करता है, तो आयोग उस पर विचार करे।

वकील कपिल सिब्बल ने लगाए अयोग्‍यता के आरोप

इसे पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था अगर वे नई पार्टी बनाते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग के समक्ष पंजीकरण कराना होगा। लेकिन किसी अन्य पार्टी में विलय होने पर पंजीकरण नहीं कराना होगा। लेकिन मुद्दा संतुलन का भी है। 1/3 सदस्य अभी भी पार्टी में शेष हैं। 2/3 सदस्य यह नहीं कह सकते कि हम ही पार्टी हैं। सिब्बल ने कहा कि शिंदे ग्रुप अलग होकर दावा कर रहा है कि शिवसेना उसकी है। लेकिन ऐसा नहीं है एंटी डिफेक्शन लॉ में यह स्पष्ट है कि दो तिहाई धड़े को अलग होने पर अपनी पार्टी बनानी होगी। सरकार बनाने के लिए या किसी अन्य पार्टी में शामिल होना होगा। ऐसा नहीं कि पुरानी पार्टी उनकी हो जाएगी, क्योंकि उनकी संख्या अधिक है।

चुनाव आयोग द्वारा सुनवाई

चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों से सबूत की मांगे थे कि शिवसेना पार्टी पर उनका अधिकार है। सोमवार यानी आज दोपहर 1 बजे तक ये दस्तावेज सौंपे जाने थे।सारे प्रमाण मिलने के बाद ही चुनाव आयोग द्वारा इस पर सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील को भी पेश होने के लिए कहा था।

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