Sanjay Raut : 'कॉन्ट्रैक्ट किलिंग' कर रहीं जांच एजेंसियां, संजय राउत का मोदी सरकार पर तीखा हमला

पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे लेख मेवशिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में अब 'कांट्रैक्ट किलिंग' का स्थान 'गवर्नमेंट किलिंग' ने ले लिया है। उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां छापों का कीर्तिमान बना रही हैं।

Update: 2021-10-17 13:13 GMT

संजय राउत ने जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगा मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है (file pic)

Sanjay Raut In Samna : शिवसेना ने 'जांच एजेंसियों' के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे लेख में शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि महाराष्ट्र में अब 'कांट्रैक्ट किलिंग' का स्थान 'गवर्नमेंट किलिंग' ने ले लिया है। उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां छापों का कीर्तिमान बना रही हैं।

संजय राउत ने शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र सामना में छपने वाले अपने स्तंभ में लिखा है, "महाराष्ट्र में कानून का राज है या छापेमारी का? इतने छापों का कीर्तिमान केंद्रीय जांच एजेंसियां (Central Agencies) बनाती नजर आ रही हैं। गप हांकना दिल्ली के शासकों का धंधा ही था। अब आए दिन छापा मारना, यह नई व्यवस्था इसमें जुड़ गई है।"

राउत ने आगे लिखा कि मलिक और एनसीपी की हरसंभव बदनामी की गई। उन्हें ड्रग रैकेट के नाम पर गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में अब अदालत ने मलिक के दामाद को जमानत दे दी और जमानत आदेश में स्पष्ट कर दिया कि मलिक के दामाद के पास जो मादक पदार्थ मिला है, वह मादक पदार्थ था ही नहीं। वह महज शुद्ध सुगंधित तंबाकू था। नवाब मलिक के दामाद समीर खान को आठ महीने जेल में रहना पड़ा।

राउत ने लिखा है, "एनसीबी मतलब केंद्रीय मादक पदार्थ विरोधी दस्ते के लोग मुंबई में डेरा डालकर बैठे हैं, और कई झूठे मामलों को रचकर प्रताड़ित कर रहे हैं। यहां भी राजनीतिक विरोधियों को फंसाने का काम चल रहा है। एनसीबी के अधिकारियों से सवाल पूछने की हिम्मत राज्य के सत्ताधारियों को दिखानी चाहिए।"

राउत ने आगे लिखा है, "यह एक निवेश रहित कारोबार है। जनता का पैसा, सरकारी तंत्र और उससे विपक्ष का कांटा निकालना, ऐसा ये व्यापारी दिमाग चल रहा है। एक समय मुंबई में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का जोर था। किराए के हत्यारों का इस्तेमाल करके दुश्मनों का कांटा निकाला जाता था। कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की जगह गवर्नमेंट किलिंग ने ले ली है।"

उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां, दिल्ली में जिस पार्टी की सत्ता है, उसके लिए कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का कार्य करती नजर आ रही हैं। अवांछित राजनीतिक विरोधियों को सरकारी तंत्र का उपयोग करके खत्म करना, ये वर्तमान नीति बन गई है।

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