कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी कर सकती हैं इस्तीफे की पेशकश, दो दशक बाद गांधी-गैर गांधी पर बहस
पार्टी एक वर्ग शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक बदलाव चाहता है, जबकि दूसरा तबका सोनिया गांधी का विकल्प उनके बेटे-बेटी में ही देखता है...
जनज्वार। कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को एक अहम बैठक होने जा रही है। दिन के 11 बजे से होने वाली इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं और नए अध्यक्ष के नाम पर विचार किया जा सकता है। हालांकि पार्टी इस बात को लेकर बंटी हुई है कि अगर अध्यक्ष गांधी परिवार से हो या फिर गैर गांधी हो।
एक ओर 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर सामूहिक नेतृत्व की मांग की है, वहीं एक पक्ष राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है। यहां तक की अब सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर विभिन्न प्रदेशों के नेताओं ने अपने-अपने अनुसार अभियान शुरू कर दिया है।
पार्टी के 23 वरिष्ठ नेता, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद व कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं, ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर शीर्ष से लेकर निचले स्तर पर बदलाव की मांग की है। इन नेताओं ने पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की मांग की है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड के गठन, प्रदेश इकाइयों को मजबूत करने और अधिक विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू करने की मांग की है। पार्टी की मौजूदा स्थिति व दिशा पर भी पत्र में सवाल उठाए गए हैं।
हालांकि यह संभावना जतायी जा रही है कि कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी अगर इस्तीफे की पेशकश करती हैं तो उसे खारिज कर दिया जाएगा। सोनिया गांधी पिछले साल लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के कारण 10 अगस्त 2019 को अंतरिम अध्यक्ष बनीं थीं।
कांग्रेस के अंदर गांधी बनाम गैर गांधी नेतृत्व पर दो दशक बाद फिर बात शुरू हुई है। 1999 में शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के विदेश मूल का मुद्दा उठाते हुए उनके नेत्त्व पर सवाल उठाया था। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व गांधी परिवार के भरोसेमंद ने गांधी परिवार के नेतृत्व के समर्थन में एक पत्र लिखा है।
इस वर्ग के नेताओं की मांग है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी बनीं रहें या राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाया जाए। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदप सिंह व पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण सामी ने गांधी परिवार के नेतृत्व की पैरवी की है।
पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की मांग के लिए लिखे गए पत्र में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चह्वाण, मुकल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम विरप्पा मोइली, शशि थरूर, मिलिंद देवड़ा, मनीष तिवारी, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित जैसे नेताओं के हस्ताक्षर हैं।
अगर कांग्रेस में गैर गांधी अध्यक्ष चुने जाने की बात होगी तो उस दौड़ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटोनी व मुकुल वासनिक प्रमुख नाम हो सकते हैं। पिछले साल राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद भी मुकुल वासनिक का नाम अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में आया था। वहीं, मनमोहन सिंह व एके एंटोनी वरिष्ठ नेता हैं, जिनकी छवि साफ है। एंटोनी के पास संगठन का भी अनुभव है और वे सोनिया गांधी के सबसे करीबी नेताओं में शुमार हैं।