मोदी राज में 6 लाख भारतीयों ने छोड़ दी नागरिकता, अंधभक्त और गंधभक्त कर रहे आत्मनिर्भरता का दावा - BJP सांसद

Subramanian Swamy : राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी और उनके समर्थकों को निशाना बनाया है....

Update: 2021-12-01 11:34 GMT

(सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर साधा प्रधानमंत्री पर निशाना)

Subramanian Swamy : भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) अपनी ही सरकार आलोचना करने को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। स्वामी सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर काफी सक्रिय रहते हैं। इस बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके समर्थकों पर निशाना साधा है। स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा कि मोदी राज में छह लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है और अंधभक्त व गंधभक्त दावा कर रहे हैं कि दुनियाभर से भारतीय आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत आना चाहते हैं।

भाजपा सांसद (BJP MP) ने अपने ट्वीट में लिखा- 'प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल में अंधभक्त और गंधभक्त दावा कर रहे हैं कि दुनियाभार के भारतीय आत्मनिर्भर (Atma Nirbhar) बनने के लिए भारत वापस आना चाहते हैं। लेकिन आधिकारिक आंकड़ा बताता है कि छह लाख भारतीयों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। ऐसा क्यों ?'

यह पहली बार नहीं है जब स्वामी केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठा रहे हों। इससे पहले उन्होंने एक अन्य ट्वीट में चीन और लद्दाख सीमा पर चीन की घुसपैठ से जुड़ा एक ट्वीट किया। स्वामी ने अपने ट्वीट में जानकारी दी कि उन्हें राज्यसभा सचिवालय की ओर से शीतकालीन सत्र के दौरान राष्ट्रीय हित का मुद्दा होने के लिए इससे जुड़ा सवाल पूछने की अनुमति नहीं मिली। दरअसल भाजपा सांसद ने सवाल किया था कि क्या चीन ने लद्दाख में एलएसी पार की है। 

स्वामी चीन की ओर से घुसपैठ को लेकर पहले भी प्रधानमंत्री और सरकार पर निशाना साध चुके हैं। यहां तक प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बगैर उन्हें ईर्ष्यालु व हीन भावना से ग्रसित भी बता चुके हैं। कुछ दिन पहले स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा था- मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड- अर्थव्यवस्था में फेल, सीमा सुरक्षा में फेल, विदेश नीति में अफगानिस्तान में विफलता मिली, राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पेगासस का मामला, आंतरिक सुरक्षा में कश्मीर में छाई निराशा, इन सबके लिए कौन उत्तरदायी?

बता दें कि स्वामी की पिछले सप्ताह 24 नवंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात भी हुई जो अभी तक चर्चा का विषय बना हुआ है। स्वामी ने ममता से मुलाकात के बाद उनकी जमकर तारीफ की थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि मैं जितने भी राजनेताओं से मिला या उनके साथ काम किया, उनमें से ममता बनर्जी, मोरारजी देसाई, जेपी, राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के जैसी हैं। इन लोगों की कथनी और करनी में फर्क नहीं होता है। भारतीय राजनीति में यह एक दुर्लभ गुण है।

राजनीति के बाजार में अटकलें गर्म होने के बाद जब स्वामी से पूछा गया कि क्या वह टीएमसी में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा था कि मैं पहले ही उनके साथ हूं। पार्टी में शामिल होने की मुझे जरूरत नहीं है।

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