शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के बाद पार्टी का नेतृत्व चाहते थे, उनकी महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए पार्टी तैयार नहीं थी
तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु अधिकारी पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्हें भाजपा में अच्छी जगह नहीं मिलेगी क्योंकि वहां पहले से कई नेता नेतृत्व की स्थिति में हैं, जो शुभेंदु के लिए अपना पोजिशन नहीं छोड़ेंगे...
जनज्वार। तृणमूल कांग्रेस के असंतुष्ट नेता शुभेंदु अधिकारी को मनाने के लिए पार्टी की ओर से मुख्य वार्ताकार रहे टीएमसी नेता सौगात राय ने कहा है कि शुभेंदु अगर भाजपा में जाएंगे तो उन्हें अच्छी जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा में पहले से कई नेता हैं, क्या वे उनके लिए अपना पद छोड़ेंगे? तृणमूल सांसद सौगात राय ने कहा कि क्या मुकुल राय को भाजपा में जाने के बाद अच्छी जगह मिल पायी है? इसलिए शुभेंदु भी अच्छी जगह नहीं पा सकेंगे।
सौगात राय ने शुभेंदु अधिकारी पर पार्टी को धोखा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा वे कि दो साल पहले भी पार्टी छोड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। साढे चार साल विधायक व मंत्री रहने के बाद उन्होंने चुनाव के वक्त पद छोड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें मनाने के लिए एक दिसंबर को वार्ता की थी, लेकिन दो दिसंबर को उन्होंने सूचित किया कि अब हम साथ काम नहीं कर सकते हैं। उस दिन हमलोगों ने यह तय कर लिया कि अब हम उनसे और बात नहीं करेंगे।
सौगात राय ने कहा कि हम उनकी महत्वााकांक्षा को पूरा नहीं कर सकते थे। वे ममता बनर्जी के बाद ममता बनर्जी के बाद पार्टी का नेता बनना चाहते थे, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा कि शुभेंदु ने पार्टी को धोखा दिया है। वे राज्यसभा और लोकसभा की सीट पार्टी सिंबल पर दो बार जीते, साढे चार साल तक मंत्री रहे और चुनाव से मात्र छह महीने पहले पार्टी छोड़ रहे हैं। वे यह काम दो साल पहले भी कर सकते थे।
शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार की शाम विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पहले उन्होंने मंत्री व विभिन्न बोर्ड व निगमों के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसी संभावना है कि इस सप्ताह के आखिर में गृहमंत्री अमित शाह के बगाल दौरे के दौरान वे भगवा पार्टी में शामिल हो जाएंगे।
सौगात राय ने यह भी कहा है कि उनकी पहले से ही भाजपा के साथ वार्ता चल रही थी। वहीं, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा है कि तृणमूल वट वृक्ष है और किसी के जाने से कोई असर नहीं पड़ेगा। ममता बनर्जी पार्टी के असंतुष्टों की बढती संख्या को देखते हुए 18 दिसंबर को एक अहम बैठक करने जा रही हैं। इसमें उन्होंने विभिन्न नेताओं को बुलाया है। उन्होंने असंतुष्ट चल रहे विधायक जितेंद्र तिवारी को भी बैठक में बुलाया है।