Taj Mahal Controversy : जयपुर राजघराने की जमीन पर बना है ताजमहल, कोर्ट आदेश दे तो हम दस्तावेज देने को तैयार- भाजपा सांसद
Taj Mahal Controversy : भाजपा सांसद दीया कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं ये नहीं कहूंगी कि पूरे ताजमहल को ढहा देना चाहिए लेकिन ये जरूर है कि ताजमहल के जो हिस्से बंद हैं उसपर जांच होनी चाहिए....
Taj Mahal Controversy : उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल को लेकर विवाद (Taj Mahal Controversy) थमा नहीं है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की लगातार इसको लेकर विवादित टिप्पणियां की जा रही हैं। इस बीच भाजपा सांसद दीया कुमारी (BJP MP Diya Kumari) ऐसा दावा किया है कि जिसपर नए सिरे से बहस शुरु हो गई है। उन्होंने कहा है कि आगरा का ताजमहल जयपुर राजपरिवार की जमीन पर बनी हुई है। मुगल शासक शाहजहां ने जयपुर राजघराने की जमीन पर कब्जा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोर्ट आदेश दे तो वह दस्तावेज भी मुहैया करा देंगी। राजघराने के पोथी खाने में दस्तावेज मौजूद हैं। ताजमहल के बंद कमरों को खोला जाना चाहिए, इससे कई सच्चाई सामने आ जाएगी। ताजमहल की जमीन हमारे पुरखों की है। दीया कुमारी राजस्थान के राजसमंद से सांसद हैं।
सांसद दीया कुमारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं ये नहीं कहूंगी कि पूरे ताजमहल (Taj Mahal Controversy) को ढहा देना चाहिए लेकिन ये जरूर है कि ताजमहल के जो हिस्से बंद हैं उसपर जांच होनी चाहिए। उसको खोला जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि वहां क्या है, क्या था और क्या नहीं था। सारे फैक्ट्स तभी क्लियर होंगे जब उसकी प्रोपर एनक्वायरी होगी।
दीया कुमारी ने आगे कहा कि वो जमीन (Taj Mahal Controversy) जो है उसको लेकर हमारे पास भी दस्तावेज हैं। हमारे दस्तावेज में है कि पहले वह पैलेस था, शाहजहां ने उसपर कब्जा किया, उस वक्त तो वह पावर में थे लेकिन आज भी अगर कोई सरकार जमीन अधिग्रहण करती है तो उसका मुआवजा देती है। उस वक्त ऐसा कोई कानून नहीं था कि हम मुआवजा के लिए अपील करते।
सांसद ने आगे कहा कि यह क्लियर है कि ताजमहल की जमीन जयपुर राजपरिवार की थी। ये अच्छी बात है कि आज किसी ने याचिका दायर की है। उसके लिए अगर किसी किसम् के दस्तावेज की जरूरत होगी तो हम उसे कोर्ट में मुहैया कराएंगे। हमारे पोथीखाने में दस्तावेज मौजूद है। जब शाहजहां ने जमीन कब्जाई तब जयपुर राजघराने के राजा जय सिंह थे।
वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक रिट याचिका दायर कर इतिहास के सच को सामने लाने के लिए तथ्यों की जानकारी करने वाली ए कमेटी के गठन की मांग की गई है। याचिका में इतिहास को स्पष्ट करने के लिए ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की गई है।
याचिका अदालत की रजिस्ट्री में दायर की गई है और रजिस्ट्री द्वारा पारित होने के बाद यह सुनवाई के लिए संबंधित बेंच के सामने होगी। इस याचिका में 1951 और 1958 में बने कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरूद्ध घोषित किए जाने की भी मांग की गई है। इन्हीं कानूनों के तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी का किला और आगरा के लाल किले आदि इमारतों को ऐतिहासिक इमारत घोषित किया गया था।