'The Kashmir Files को इस वक्त किया रिलीज ताकि यूपी चुनाव के नतीजों पर ना हो बहस,' बोले अखिलेश यादव

The Kashmir Files : अखिलेश यादव से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह फिल्म को सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि इस बस में नहीं पड़ता चाहते हैं, उन्होंने कहा कि जो पैसा इकट्ठा हो गया है उससे कश्मीरी पंडितों को सैटल करने के लिए खर्च होना चाहिए.....

Update: 2022-03-22 06:26 GMT

द कश्मीर फाइल्स की कमाई पर बोले अखिलेश यादव- कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर हो खर्च

The Kashmir Files : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) फिल्म को इस समय रिलीज किया गया है ताकि यूपी चुनाव के नतीजों पर बहस ना हो। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स से होने वाली कमाई को कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) की वापसी पर खर्च करने की सलाह भी दी है। सपा मुखिया ने यह भी कहा कि यदि कोई उनसे भी मदद मांगता है तो उसके लिए तैयार हैं।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह फिल्म को सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि इस बस में नहीं पड़ता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो पैसा इकट्ठा हो गया है उससे कश्मीरी पंडितों को सैटल करने के लिए खर्च होना चाहिए। सरकार को भी आगे आना चाहिए। यदि टैक्स से 100, 200, 300 करोड़ रुपये इकट्ठा हुआ है तो सरकार भी अपना पैसा लगाए कुछ और। कम से कम पीएम फंड में ना चला जाए पैसा, जिसका पता न चले कि कहां चला गया।

उन्होंने आगे कहा कि फंड जो कश्मीरी पंडित हैं, उनकी कमेटी बन जाए जो अलग-अलग जगह रह रहे हैं, वह खर्च करें, अपने ऊपर कि कैसे सैटल होना चाहते हैं। सपा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि क्या वह कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए मदद करेंगे तो उन्होंने कहा कि स्वभाविक है। कोई मांगता है तो हम जरूर देंगे। मैं सुझाव दे रहा हूं सरकार को जो पैसा इकट्ठा हुआ है, वह कम से कम उनके लिए खर्च तो हो।

अखिलेश यादव ने प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया कि समाजवादी पार्टी की भले ही सरकार न बन पाई लेकिन वोट प्रतिशत और सीटें बढ़ीं हैं। उन्होंने आशा जताई कि अब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह पता चल गया कि कैसे भारतीय जनता पार्टी को हराया जा सकता है और आने वाले चुनाव में निश्चित रूप से उनको हराएंगे।  

सपा मुखिया ने यूपी के चुनाव में अपनी हार न मानते हुए काह कि उनका वोट प्रतिशत बढ़ा है और सीट बढ़ी हैं तो कैसे वह हारे हैं। हालांकि उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े नहीं किए लेकिन यह भी कहा कि जिस प्रकार से काउंटिंग को धीरे किया गया। कई जगह पर और रिकाउंटिंग के नाम पर भाजपा के प्रत्याशी को जिताया गया यह सवाल खड़ा करता है। अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जातियों को जोड़ते हैं तो सोशल इंजीनियरिंग कहलाती है, हम जोड़ते हैं तो वह जातिवादी कहते हैं।

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