BJP की तोड़फोड़, बाहुबल और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग से बद्रीनाथ उपचुनाव चुनाव जीतने की कोशिशों का जनता ने दिया मुंहतोड़ जवाब : माले

बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा की यह गलतफहमी दूर कर दी और सिद्ध कर दिया कि अंततः जिताने और हराने की ताकत किसी पार्टी के पास नहीं, जनता के पास है। बद्रीनाथ का चुनाव परिणाम दलबदल और अवसरवाद की राजनीति करने वालों के लिए करारा सबक है, यह स्पष्ट संकेत है कि आम जनता इस तरह की राजनीति से आजिज़ आ चुकी है और अब ऐसी राजनीति उत्तराखंड में बर्दाश्त नहीं की जाएगी....

Update: 2024-07-13 15:09 GMT

Badrinath Mangalore By Election Result : उत्तराखंड में हुए विधानसभा के उपचुनावों- बद्रीनाथ और मंगलौर में इंडिया गठबंधन समर्थित कॉंग्रेस प्रत्याशियों की जीत पर भाकपा(माले) उत्तराखण्ड राज्य सचिव, इन्द्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड की जनता को बधाई देते हुए कहा कि इन उपचुनावों में जनता ने भाजपा की तोड़फोड़, खरीद-फरोख्त, बाहुबल और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग के जरिये चुनाव जीतने की कोशिशों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

अपने तोड़फोड़ और खरीद-फरोख्त की राजनीति के लिए भाजपा ने बद्रीनाथ की जनता पर विधानसभा का उपचुनाव जबरन थोप दिया। लगातार चुनाव जीतने के चलते भाजपा इस अहंकार की शिकार थी कि वो किसी को भी अपने टिकट पर चुनाव जिता सकती है, कल तक जिसे वो अपना धुर विरोधी और भ्रष्टाचारी कहती थी, उसे भी!

बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा की यह गलतफहमी दूर कर दी और सिद्ध कर दिया कि अंततः जिताने और हराने की ताकत किसी पार्टी के पास नहीं, जनता के पास है। बद्रीनाथ का चुनाव परिणाम दलबदल और अवसरवाद की राजनीति करने वालों के लिए करारा सबक है। यह स्पष्ट संकेत है कि आम जनता इस तरह की राजनीति से आजिज़ आ चुकी है और अब ऐसी राजनीति उत्तराखंड में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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मंगलौर में भाजपा ने राजनीति को एकदम निम्न स्तर पर पहुंचा दिया। वे एक ऐसा दलबदलू प्रत्याशी लेकर आए, जो देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ता रहा है। ऐसे अवसरवादी, दलबदलू प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा ने हिंसा और प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग का सहारा लिया। उत्तराखंड की राजनीति में इस एकदम नए दुर्गुण का प्रवेश कराने की कोशिश भाजपा ने की, लेकिन उत्तराखंड की राजनीति में बाहुबल के ऐसे प्रसार को पहले ही कदम पर ही मंगलौर की जनता ने शिकस्त दे दी। इसके लिए मंगलौर की जनता का भाकपा (माले) ने आभार जताया है।

उत्तराखंड में आमतौर पर सत्तापक्ष ही उपचुनाव जीतता रहा है। दो उपचुनावों में सत्ताधारी भाजपा की हार, पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति जनता के गुस्से की भी अभिव्यक्ति है। लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद हुए विधानसभा उपचुनावों में सत्तापक्ष की हार से यह साफ है कि विज्ञापनों में सरकार की सफलता के चाहे कितने ही ढोल क्यों न पीटे जायें, परंतु जनता में इस सरकार को लेकर गहरा विक्षोभ है।

भाकपा(माले) उत्तराखण्ड राज्य सचिव, इन्द्रेश मैखुरी कहते हैं, इंडिया गठबंधन और कॉंग्रेस पार्टी को जनता के इस गुस्से और विक्षोभ को स्वर देते हुए जनविरोधी सरकार को बेदखल करने की दिशा में ले जाना चाहिए। दोनों विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की जीत के लिए इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां और सिविल सोसाइटी बधाई के पात्र हैं, जिनके सामूहिक प्रयास से इंडिया गठबंधन समर्थित कॉंग्रेस प्रत्याशियों की जीत मुमकिन हुई है। कांग्रेस पार्टी और उसके दोनों विजयी प्रत्याशियों- मंगलौर से काज़ी निज़ामुद्दीन और बद्रीनाथ से लखपत बुटोला को बहुत बहुत बधाईं उम्मीद है कि विजयी उम्मीद्वार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हर मुमकिन प्रयास करेंगे। आने वाले समय में भी इंडिया गठबंधन सामूहिक रूप से भी जनता के हक में संघर्ष के मोर्चे पर डटा रहेगा।

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