पक्ष-विपक्ष लगातार कर रहा टूट के दावे, अब बीजेपी की चुनौती-खरमास बाद पार्टी बचा ले राजद

राजद की ओर से जहां जेडीयू में टूट होने और राज्य की एनडीए सरकार के कार्यकाल पूरा नहीं किए जाने के दावे किए गए थे, वहीं जेडीयू की ओर से भी लगातार बयान दिए गए थे, अब बीजेपी भी इसमें कूद पड़ी है..

Update: 2021-01-11 06:40 GMT

(Photo Edited By Nirmal Kant)

जनज्वार ब्यूरो/ पटना। बिहार में नई सरकार बनने के बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से एक-दूसरे की पार्टी के टूट जाने संबन्धी दावे किए जा रहे हैं। राजद की ओर से जहां जेडीयू में टूट होने और राज्य की एनडीए सरकार के कार्यकाल पूरा नहीं किए जाने के दावे किए गए थे, वहीं जेडीयू की ओर से भी लगातार बयान दिए गए थे। अब बीजेपी भी इसमें कूद पड़ी है और पार्टी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने राजद को खरमास बाद अपनी पार्टी बचाए रखने की चुनौती दे दी है।

मुख्य विपक्षी दल राजद की ओर से श्याम रजक ने यह कहकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी थी कि जेडीयू के 17 विधायक पार्टी छोड़कर राजद में आ जाएंगे। श्याम रजक पहले जेडीयू में ही थे और नीतीश कैबिनेट में मंत्री थे, हालांकि चुनाव के ऐन पहले वे पार्टी छोड़कर राजद में शामिल हो गए थे। उसके बाद पार्टी में टूट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर तेज हो गया है।

इसी कड़ी में अब बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भूपेंद्र यादव ने कहा है कि आरजेडी के नेता लगातार नासमझी की बात कर रहे हैं। उनके यहां काफी संख्या में लोग परिवारवाद से मुक्ति चाहते हैं। खरमास तक हम चुप हैं। खरमास के बाद वो सिर्फ अपनी पार्टी बचा लें, बाकी सब ठीक है।

भूपेंद्र यादव ने बीजेपी के पटना महानगर कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही है। यहां अपने संबोधन में उन्होंने आरजेडी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आरजेडी की तरफ से पिछले कुछ दिनों से लगातार एनडीए गठबंधन में टूट और विधायकों को आरजेडी में लाने को लेकर बयानबाजी जारी है। खरमास के बाद आरजेडी अपनी पार्टी बचा लें।

बता दें कि रिम्स में भर्ती आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी पिछले दिनों ट्वीट कर जेडीयू के विधायकों के टूटने और एनडीए में टूट की बात कही थी। इसके बाद उनकी पार्टी की तरफ से भी लगातार ऐसे बयान आ रहे थे। अब इस पर बीजेपी के बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पलटवार किया है।

इससे पहले विपक्षी दल और महागठबंधन के घटक कॉंग्रेस में टूट की बातों ने भी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हुई थीं। इस चर्चा ने काफी जोर पकड़ लिया था कि काँग्रेस के 11 विधायक पाला बदल सकते हैं, हालांकि काँग्रेस की ओर से इसका जोरदार खंडन करते हुए कहा गया था कि उनकी पार्टी और विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं।

दरअसल, बिहार में एनडीए की नई सरकार बनी है। हालांकि राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े को महज 3 सीटों के अंतर से पार कर सका है। विगत चुनावों में एनडीए को कुल 125 सीटें हासिल हुई थीं।

बता दें कि बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। ऐसी चर्चाएं इसलिए भी जोर पकड़ रही हैं चूंकि जेडीयू को इस बार के चुनावों में खासा नुकसान उठाना पड़ा है और उसे सिर्फ 43 सीटें ही मिल सकी हैं, हालांकि मुख्यमंत्री का पद जेडीयू को ही मिला है।

चुनाव के बाद से ही एनडीए में अंदरूनी खींचतान की खबरें भी लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। इस बात की भी चर्चा चल रही है कि आपसी खींचतान की वजह से ही मंत्रिमंडल विस्तार का मामला लटका हुआ है।

दो दिन पहले जेडीयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं ने एनडीए के मुख्य घटक दल बीजेपी पर जोरदार हमले किए थे और बीजेपी को ही अपनी हार के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया था। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यहां तक कह दिया था कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन, चुनावों के दौरान यह पता ही नहीं चला।

बहरहाल, ठंढ के इस मौसम में भी इस तरह की राजनीतिक बयानबाजियों से राज्य में सियासी तापमान गरमाया हुआ है। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि आखिरकार किसका तीर निशाने पर बैठता है और किसका दावा सटीक साबित होता है या फिर ऐसी बयानबाजियां सिर्फ राजनीतिक बयान भर बनकर रह जातीं हैं।

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