टीवी डिबेट में जिन्ना पर फिर मचा घमासान, बीजेपी प्रवक्ता के कमेंट पर सपा नेता ने दिया टका सा जवाब
साल 2005 में पाकिस्तान के दौरे के दौरान कराची में जिन्ना के मकबरे पर जाकर लाल कृष्ण आडवानी ने जिन्ना की तारीफ की थी, जिससे उनका सियासी करियर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच एक बार फिर एक टीवी डिबेट में भाजपा और सपा नेता के बीच नौबत एक—दूसरे को देख लेने तक पहुंच गई। यह घमासान भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता तारिक अहमद लारी के बीच हुई।
दरअसल, डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने सपा पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूलों में जुमे की छुट्टी देने वाले और मुजफ्फरनगर दंगे में मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ केस वापस लेने की बात करने वाले लोग सेक्युलरिज्म का पाठ हमें न पढ़ाएं।
यहां बड़बोलापन मत दिखाएं। उन्होंने कहा कि जिन्ना को लेकर सपा पर निशाना साधा कि जिन्ना आप लोगों की डिक्शनरी में फ्रीडम फाइटर हैं। इसपर टका सा जवाब देते हुए सपा प्रवक्ता ने तारिक अहमद लारी ने कहा कि तो फिर आडवाणी जी की डिक्शनरी में जिन्ना कैसे हो गए महान। उनके पास कौन सी डिक्शनरी है? लारी ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि आपके मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का जिन्ना के बारे में क्या कहना है, वो भी तो बताइए। इसके बाद दोनों दलों के प्रवक्ता की आपस में नोकझोंक होने लगी।
जिन्ना के बारे में क्या कहा था लाल कृष्ण आडवाणी ने
साल 2005 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। वहां कराची में जिन्ना के मकबरे पर जाकर उन्होंने जिन्ना की तारीफ की थी। आगंतुक रजिस्टर में उन्होंने लिखा था इतिहास पर अपनी अमिट पहचान छोड़ने वाले ऐसे कई लोग हैं। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो सच में इतिहास बनाते हैं, कायद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना उनमें से एक दुर्लभ व्यक्ति थे।
वहीं योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2018 में कहा था कि बंटवारे से पहले देश में जिन्ना का भी योगदान था। जिन्ना ने भी महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ ही आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता।
अखिलेश ने की थी जिन्ना की गांधी और नेहरू से तुलना
31 अक्टूबर 2021 को यूपी के हरदोई में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक जनसभा में कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।