UKSSSC Bharti Scam : भर्ती घोटाले की CBI जांच की याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने से धामी सरकार को राहत, कांग्रेस MLA भुवनचंद्र कापड़ी ने दाखिल की थी याचिका

UKSSSC Bharti Scam : विधायक कापड़ी ने जिस मामले की सीबीआई जांच के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, वह 2021 में हुई परीक्षा से जुड़ा हुआ था, जिसमें बाद में अन्य भर्ती परीक्षाओं को भी जोड़ लिया गया था

Update: 2022-10-19 12:18 GMT

UKSSSC Scam: विधायक कापड़ी से हाई कोर्ट का सवाल, एसटीएफ पर भरोसा क्यों नहीं है? सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर की थी याचिका

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय से राज्य सरकार को बुधवार को बड़ी राहत मिली है। गले की फांस बने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की याचिका बुधवार को उच्च न्यायालय की ओर से खारिज कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में आने से दो दिन पहले आए कोर्ट के इस निर्णय को राज्य सरकार के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है।

यह याचिका विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता व खटीमा विधानसभा के विधायक भुवनचंद्र कापड़ी की ओर से दायर की गई थी। आयोग की परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सीबीआई से जांच कराए जाने के मामले पर सुनवाई के बाद नैनीताल हाई कोर्ट की एकलपीठ के वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने निर्णय देते हुए याचिका को निरस्त कर दिया है। मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर को हुई अंतिम सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके द्वारा संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किए जाने के बाद मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने यूकेएससीसी के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सरकार द्वारा इस खेल के बड़े खिलाड़ियों को अभी भी बचाया जा रहा है। इन परीक्षाओं में नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में हरिद्वार के मंगलौर व पौड़ी में 2 एफआईआर दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी अभी कोई कार्यवाही नही हुई।

जबकि सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कोर्ट को मामले की प्रगति रिपोर्ट देते हुए बताया था कि इस मामले में अस्सी फीसदी जाँच लगभग पूरी हो चुकी है। पूरे प्रकरण में 41 लोगो को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें से 28 से 30 लोगो के खिलाफ जांच दल द्वारा न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। ऐसे में एसटीएफ की जाँच में किसी प्रकार का कोई संदेह नही है। इसलिए इस मामले को खारिज किया जाए। जिसके बाद दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले को याचिका खारिज करते हुए बुधवार 19 अक्टूबर को निस्तारित कर दिया।

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भुवनचन्द्र कापडी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले ही इस मामले को विधानसभा में उठाते हुए इस मामले की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने उनकी इस मांग पर कोई तवज्जो न देते हुए इसकी जाँच एसटीएफ को दे दी थी। सरकार के इस रुख के बाद विधायक भुवन कापड़ी ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा था कि यूके एसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जाँच एसटीएफ सही तरीके से नही कर रही है। अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं, छोटे छोटे लोगो की हुई हैं। जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नही हुई है। इसमे यूपी व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता सामील है। सरकार उनको बचा रही है। इसलिए इस मामले की जाँच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए।

विधायक कापड़ी ने जिस मामले की सीबीआई जांच के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, वह 2021 में हुई परीक्षा से जुड़ा हुआ था, जिसमें बाद में अन्य भर्ती परीक्षाओं को भी जोड़ लिया गया था। भर्ती परीक्षा के मामले में 22 जुलाई 2022 को अनुसचिव सचिव राजन नैथानी द्वारा रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सअप मेसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए। एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जाँच की शुरुआत की, जो सही पाई गई और जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारियाँ हुई।

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