UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विवादों में आई 5 भर्ती परीक्षाएं एक झटके में कर दीं निरस्त

UKSSSC Paper leak SCAM : प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में सरकार की कार्यवाही की चपेट में वह युवा भी आ गए हैं, जिन्होंने रात-दिन पढ़ाई कर इन परीक्षाओं को पास करके सरकारी नौकरी के सपने देखे थे....

Update: 2022-09-10 03:52 GMT

UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विवादों में आई 5 भर्ती परीक्षाएं एक झटके में कर दीं निरस्त

UKSSSC Paper leak SCAM : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में सरकार की कार्यवाही की चपेट में वह युवा भी आ गए हैं जिन्होंने रात-दिन पढ़ाई कर इन परीक्षाओं को पास करके सरकारी नौकरी के सपने देखे थे। शुक्रवार 9 सितंबर की शाम हुई कैबिनेट की बैठक में घपले वाली 5 परीक्षाओं को निरस्त कर दिया। निरस्त की गई इन परीक्षाओं को अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से दोबारा करवाया जाएगा।

शुक्रवार 9 सितंबर को उत्तराखंड सरकार की हुई कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक के बाद अब पांच परीक्षाओं को निरस्त कर दिया गया है। जो परीक्षाएं निरस्त की गई हैं उनमें वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार और पुलिस रैंकर्स की परीक्षाएं शामिल हैं। इन परीक्षाओं के निरस्त होने के बाद प्रदेश में 770 भर्तियां प्रभावित हुई हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले के बाद जो परीक्षाएं अधर में लटकी हुई हैं उन परीक्षाओं को भी अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा।

करीब 7 हजार पदों के लिए लोक सेवा आयोग तत्काल एक कैलेंडर जारी करेगा। समूह 'ग' की भर्ती के लिए जो नियम अभी तक यूकेएसएसएससी में थे, लोक सेवा आयोग में भी वही नियम लागू होंगे। जिन कांस्टेबलों की फिजिकल भर्ती हो चुकी है, उनकी भर्ती परीक्षा भी अब लोक सेवा आयोग करायेगा। इसके अतिरिक्त 5340 पदों की 13 परीक्षाएं ऐसी हैं जिनकी विज्ञप्ति जारी हो गई थी, लेकिन परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। यह परीक्षाएं भी अब बदले हालात में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से कराई जाएंगी। 1127 पद ऐसे भी हैं जिसकी विज्ञप्ति तक जारी नहीं हुई है। इनका विज्ञापन भी अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग जारी करेगा।

770 पदों के लिए जो ऐसी पांच भर्ती परीक्षाएं हुई है कि उनका परिणाम जारी नहीं किया जा सका है, उन परीक्षाओं को भी अब दोबारा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराया जायेगा।

बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा होने के बाद उत्तराखंड की एसटीएफ टीम मामले में अब तक तीन दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन गिरफ्तार होने वाले लोगों में परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक, कुछ मुन्नाभाई, सचिवालय में तैनात अपर सचिव सहित भारतीय जनता पार्टी का एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह तक शामिल था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की छः परीक्षाएं घपले के दायरे में आई थी, जिसमें एसटीएफ ने स्नातक स्तरीय और सचिवालय रक्षक भर्ती प्रक्रिया की मुकदमा दर्ज कर जांच की थी। इसके अलावा वीडियो भर्ती परीक्षा की जांच विजिलेंस से हटाकर एसटीएफ को सौंपी गई थी।

सब इंस्पेक्टर 2015 भर्ती घोटाला की जांच का जिम्मा विजिलेंस को दिया गया था तो वन आरक्षी और कनिष्ठ सहायक (न्यायिक) परीक्षा की जांच भी जारी थी। इसके अलावा सबसे ज्यादा रोचक उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामला था। जिसने राज्य सरकार को बुरी तरह हिला दिया था। विधानसभा भर्ती घोटाले में भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा वित्त मंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित तमाम नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम सामने आए थे।

इस बहुचर्चित मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने फिलहाल तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है। कमेटी पहले चरण में साल 2012 से लेकर अभी (2022) तक की भर्तियों की जांच होगी और दूसरे चरण में राज्य गठन 2002 से लेकर 2012 की भर्तियों की जांच करके अपनी रिपोर्ट एक महीने में देगी।

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