Union Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी बजट, जानें आम लोगों को सरकार से क्या है अपेक्षा

Union Budget 2022 : आम लोग मोदी सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि 2022 का बजट अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा। देश के युवाओं की नजर इस पर है कि केंद्र सरकार रोजगार पैदा करने के लिए कुछ खास कदम उठाती है या नहीं।

Update: 2022-02-01 03:04 GMT

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी केंद्रीय बजट 2022।

Union Budget 2022 :  कोरोना महामारी के बीच आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथ आम बजट पेश कर रही है। उनके सामने देश की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकालने की चुनौती है। आम लोग मोदी सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि 2022 का बजट अर्थव्यस्था को पूरी तरह स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन देने वाला होगा। देश के युवाओं की नजर इस पर है कि केंद्र सरकार रोजगार पैदा करने के लिए कुछ खास कदम उठाती है या नहीं। सोमवार को पेश किए इकॉनमिक सर्वे में सरकार ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियां महामारी के पूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में सरकार इस बजट में अपना फोकस आर्थिक मोर्चे पर गति को इससे भी ऊपर ले जाने का लक्ष्य रख सकती है।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव को लेकर घमासाम चर पर है। 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में मतदान होने हैं। इसलिए माना जा सकता है कि सरकार इन राज्यों के लिए खास योजनाओं और फंडिंग से जुड़ी घोषणाएं भी कर सकती है।

मध्य वर्ग जो मतदाताओं के लिहाज से बससे बड़ा तबका है उसे बजट से आयकर में रियायत सरकार से अपेक्षा है। हालांकि रियायत मिलने के संकेत नहीं हैं। ये उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि बढ़ती महंगाई के बीच सरकार टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख पर कर दे।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में चीजें उतनी अच्छी नहीं रह गईं और पिछले दो साल में महंगाई लोगों को डराने लगी हैं। हाल ही में जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खुदरा महंगाई की दर 5.59 फीसदी रही, जो पिछले 6 महीने में सबसे ज्यादा है। थोक महंगाई का आंकड़ा और भी शुभ संकेत नहीं है। दिसंबर में थोक महंगाई की दर 13.56 फीसदी रही। इस बढ़ी महंगाई ने लोगों की हालत पतली कर दी है। आरबीआई ने हाल ही में बताया था कि बढ़ती महंगाई से लोगों की बचत आधी से भी कम रह गई है। ऐसे में हर कोई उम्मीद कर रहा है कि सरकार बजट में महंगाई को काबू करने के उपाय करेगी।

किसान आंदोलन के बाद से देशभर के किसानों की नजर इस पर है कि कृषि क्षेत्र के लिए मोदी कुछ बेहतर कदम उठाती है या नहीं। जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उनकी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया था। अभी तक ऐसा नहीं हुआ। इसको लेकर सरकार ने 13 अप्रैल 2016 में फार्मर्स इनकम कमेटी बनाई थी। सरकार ने मार्च 2022 तक किसानों की आय डबल करने का टारगेट तय किया था। NSSO की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी किसानों की औसत आय 10,218 रुपये मासिक है और इसमें खेती से सिर्फ 3,798 रुपए की कमाई हो रही है। 10 साल पहले किसानों को 50 फीसदी कमाई खेती से हो रही थी। एक अनुमान के मुताबिक कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार 2022-23 के बजट में कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपए कर सकती है।

सीआईआई ने कई अन्य ऐसे कदमों की भी अनुशंसा की है जिनसे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। कोरोना महामारी महामारी की मार सभी आय वर्गों पर पड़ने से बजट में रोजगार-सृजन वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए मनरेगा का बजट आवंटन बढ़ाने और आयकर अधिनियम की धारा 80JJAA के तहत आय सीमा को बढ़ाने की भी अनुशंसा की गई है।

बता दें कि आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है। लेकिन ऐसा होगा या नहीं, यह सवालों के घेरे में है।

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