आरोपी मौलाना की पत्नी का दावा मेरे पति ने नहीं कराया किसी का जबरन धर्मांतरण : UP चुनाव और सियासी बिसात

1000 से भी ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोपी मौलाना उमर की पत्नी रजिया कहती हैं, ज्यादातर लोग शादी करने के लिए धर्म बदलते हैं और मेरे पति की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर कानूनी प्रक्रिया के बाद ही ऐसे लोगों की मदद करती है, अगर उसके पति ने गुनाह किया है तो उसे कठोर सजा मिले...

Update: 2021-06-23 05:28 GMT

यूपी एटीएस का दावा : एक हजार लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं ये दोनों मौलाना

लखनऊ, जनज्वार। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजनीति इस समय धर्मांतरण को लेकर गर्म है। वैसे तो ये प्रदेश हमेशा से देश की राजनीति का केंद्र रहा है, लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी कुछ ज्यादा ही तेज है। धर्मांतरण के मुद्दे ने इस सियासी हवा को और भड़का दिया है।

यूपी एटीएस की टीम ने हाल ही में दो मौलानाओं उमर गौतम और जहांगीर को जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पकड़ा है। मंगलवार 22 जून को उन्हें एक हफ्ते की एटीएस रिमांड पर भी भेज दिया गया, लेकिन इस मामले में कई नये खुलासे हो रहे हैं। पकड़े गये आरोपी उमर गौतम की पत्नी ने इस पूरे मामले में अपने पति को बेकसूर बताया है। वहीं इस नेक्कस में फंसे नागपुर के एक युवक विजयवर्गीय उर्फ रमजान की पत्नी ने भी उसके पति को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है।

आरोपी उमर गौतम की पत्नी रजिया का कहना है कि इस पूरे मामले में उसके पति उमर गौतम को फंसाया जा रहा है। उसने किसी का भी जबरन धर्मांतरण नहीं कराया है। साथ ही रजिया का यह भी कहना है कि अगर पुलिस के पास मेरे पति के खिलाफ साक्ष्य है तो पेश करे। कोर्ट पर आस्था जताते हुए रजिया ने कहा कि उसे इंसाफ की उम्मीद है। साथ ही यह भी कहा कि ज्यादातर लोग शादी करने के लिए धर्म बदलते हैं और मौलाना की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर कानूनी प्रक्रिया के बाद ही ऐसे लोगों की मदद करती है। रजिया ने ये भी कहा कि अगर उसके पति ने गुनाह किया है तो उसे कठोर से कठोर सजा मिले।

वहीं इस मामले में फंसे नागपुर के एक युवक विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान की पत्नी आयशा का भी बयान सामने आया है। आयशा का कहना जो बातें धर्म परिवर्तन को लेकर कही जा रही हैं, वह सरासर गलत है। आयशा ने कहा कि पूरा मामला गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर पर पुजारी स्वामी नरसिंहानंद से मिलने को लेकर शुरू हुआ। रमजान और उसका भाई कासिफ मंदिर के पुजारी को समझाने गये थे। मंदिर पर जाने का उद्देश्य आपसी भाईचारा और समझाना था, लेकिन इस मुलाकात दौरान पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार किया गया और अब एटीएस लखनऊ ने विपुल विजयवर्गीय से बातचीत के बाद यह खुलासा किया एक बड़ा नेक्सस धर्मांतरण का कार्य करा रहा है।

सियासी पारा भी चढ़ा

पूरे मसले पर सियासत तेज हो गयी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्योरोप शुरू हो गया है। मंगलवार 22 जून को जहां आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने दोनों आरोपियों की रिहाई की मांग की, वहीं बीजेपी के नेता उन पर हमलावर रहे। अब आप सांसद सुशील गुप्ता ने आप विधायक का बचाव किया है। उन्होंने कहा, 'बीजेपी चुनाव के समय हिंदू मुस्लिम और हिंदुस्तान पाकिस्तान करती है। जब-जब चुनाव आते हैं बीजेपी हमेशा धर्म और जाति के नाम पर बांटने का काम करती है। आज शिक्षा, हेल्थ, बेरोजगारी पर बात नहीं कर रही है. यूपी का चुनाव आ रहा है, ये बातें आती रहेंगी।'

इधर जाने माने शायर मुनव्वर राणा ने भी मामले को लेकर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने इस मामले को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि चुनाव से पहले ये चीजें आयेंगी, ताकि नफरत फैलाई जा सके। मशहूर शायर ने कहा कि कोरोना ने हिंदू-मुस्लिम के बीच के फासले को कम किया है, दोनों एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, ऐसे में नफरत फैलाने के लिए ये सब किया जा रहा है। उन्होंने ये भी दावा किया कि बीजेपी यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव हारेगी, लेकिन योगी आदित्यनाथ जीतेंगे।

गौरतलब है कि महज सात महीनों में सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दो घटनाओं ने यहां की राजनीति में उबाल ला दिया है। 5 जून को गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई और उसकी दाढ़ी काटने का मामला सामने आया था। इतना ही नहीं कथित तौर पर बुजुर्ग को जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर भी किया गया, जिसे लेकर पहले से ही सियासी बवाल मचा हुआ है।

वहीं अब बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का ये मसला सामने आने से सूबे में भावनात्मक रूप से राजनीतिक तपिश बढ़ती जा रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव में इन दोनों घटनाओं ने सियासी उबाल पैदा कर दिया है, क्योंकि मामले का समर्थन और विरोध करने वाले दोनों ही पक्षों को अपने-अपने सियासी फायदे मिलने की उम्मीद नजर आ रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण पर बयान दिया है कि दोषियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई कर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में निरूद्ध किया जाये। साथ भी यह भी ओदश दिया है कि धर्मांतरण कराने वालों की संपत्ति जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाए।

गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने सोमवार 21 जून को जबरन धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है। बकौल एटीएस दिल्ली से संचालित यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों का धर्मांतरण पैसा, शादी और नौकरी का लालच दे कर करा चुका है। यूपी एटीएस का दावा है कि लबी पूछताछ के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इसमें एक का नाम मुफ्ती जहांगीर आलम है और दूसरे का नाम उमर गौतम है। एटीएस के दावे की मानें तो इन लोगों ने एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराया है जिसमें अधिकतर हिंदुओं को मुस्लिम बनाया गया है।

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