2013 का मुज़फ्फरनगर दंगा RSS ने कराया था - राकेश टिकैत का यह बयान विपक्ष के कितना आएगा काम
UP Election 2022 : भातरीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर बड़ा बयान देकर सियासी माहौल को और गरम कर दिया है। उनके बयान से साफ है कि लोग पहले दो चरणों के मतदान के दौरान क्या करने वाले हैं।
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 58 और दूसरे चरण में 55 सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों पर चुनाव प्रचार अंतिम चरण में पहुंच गया है। सभी सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने के साथ सभी दांव-पेंच खेलने में जुटे हैं। फिर वेस्ट यूपी के 113 सीटों पर मतदान निर्णायक साबित होने वाले हैं। ऐसा इसलिए कि जाटलैंड में दो चरणों के मतदान से साफ हो जाएगा कि अन्य यूपी में किसकी सरकार बनने जारी है। इस बार जाटलैंड में किसान आंदोलन का असर साफ दिख रहा है। इस बीच भातरीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) ने साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर बड़ा बयान देकर सियासी माहौल को और गरम कर दिया है। उनके बयान से साफ हो गया है कि लोग भाजपा ( BJP ) के खिलाफ वोट डालने का मन बना चुके हैं।
ये है राकेश टिकैत का बयान
एबीपी के घोषणा पत्र में जब बीकेयू नेता राकेश टिकैत से यह पूछा गया कि आप यह मानते हैं कि साल 2013 में मुजफृफरनगर दंगा आरएसएस ( RSS ) ने कराया था, लेकिन आपने अभी कि इसके सबूत नहीं दिए। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि तो फिर किसने कराए, ये तो साफ है। साल 2013 के दंगे RSS ने कराए थे। क्या मैंने कराए दंगा। दंगा तो आरएसएस ने ही कराए थे। दंगे के बाद से एक खास जाति को टारगेट किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी चेता दिया कि बेरोजगारों की बड़ी फौज खड़ी होगी। अगला आंदोलन बेरोजगारी को लेकर होगा। जब हम बर्तन खरीदने जाते हैं तो ठोंक-बजाकर खरीदते हैं, सरकार भी चुननी है तो ठोंक-बजाकर फैसला कर लें।
जब उनसे पूछा गया कि कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत में आपने रैली अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव का नारा देकर जाट-मुस्लिम गठजोड़ की अपील की थी। बालियान खाप और सर्वखाप का जिम्मेदारी भी आपके पास है। तो फिर आप साफ शब्दों क्यों नहीं कह देते कि भाजपा को हराओ और तथाकथित पार्टी गठजोड़ को वोट दो। इसके जवाब उन्होंने कहा कि हमने बिरादरी जाति का आंदोलन चलाया होता तो इसका जवाब दे देता। हमने किसानों, मजदूरों और आदिवासियों को चलाया। लेकिन पिछले 15 दिन से एक ही बिरादरी को टारगेट पर कर रखा है। कोई दंगा इन बिरादरियों में नहीं कराया था। सरकार इस बात की जांच करा लें। आरएसएस का नाम सामने आएगा।
अगर यही बात है तो आपने भाजपा को वोट क्यों दिया। इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमें क्या पता था ये भी धोखा देंगे। उन्होंने कहा कि जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और धर्मवाद पर चुनाव करा लो, जो हावी होगा वो सरकार बना ले। हकीकत यह है कि हमने किसानों से संगठन को मजबूत रखने की अपील की है। हमने कहा है कि हमारा संगठन ही जरूरत में काम आएगा। हमने किसी को हराने जिताने की जिम्मेदारी नहीं ली है।
टिकैत का मंतव्य साफ है
पहले चरण के मदातन से ठीक चार दिन पहले राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) के इस बयान के ज्यादा अर्थ निकालने की कोई जरूरत नहीं रह जाती। सीधे तौर पर न सही लेकिन घुमा-फिराकर उन्होंने ये संदेश दे दिया है कि किसान इस बार अखिलेश-जयंत की जोड़ी वाले गठबंधन को अपना समर्थन देने का मन बना चुके हैं। दो दिन पहले एसकेएम से जुड़े संगठनों ने भी पर्चा जारी कर सभी से भाजपा को हराने की अपील है। ऐसे में तय है कि इसला सीधा लाभ सपा-रोलाद गठबंधन को मिलेगा। ऐसा इसलिए क कांग्रेस और बसपा इस बार मजबूत स्थिति में नहीं है। कांग्रेस की स्थिति पहले से ही खराब है।
UP Election 2022 : दरअसल,वेस्ट यूपी की कुल 136 सीटें हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से 113 पर पहले दो चरण में मतदान होने हैं। 2017 में भाजपा ने वेस्ट यूपी से 108 सीटें जीतकर 'जाटलैंड' को अपना सबसे मजबूत गढ़ बना लिया था। पहले चरण की 58 में से 54 सीटें भाजपा के पास है। किसान आंदोलन से उपजे असंतोष के बीच भाजपा उसी गढ़ मे ंबचाने में जुटी है। बता दें कि यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से पहले चरण यानि 10 फनवरी को 58 और 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान होना है। इस क्षेत्र के लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए, ये भी तय है कि इस बार सपा-रालोद गठबंधन को असंतोष का लाभ मिल सकता है।