UP Election 2022 : आज शाम थम जाएगा पांचवें चरण के प्रचार का शोर, राजनीतिक दलों के लिए 61 सीटों पर ये होंगी चुनौतियां

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में राजनीतिक दलों के लिए कड़ी चुनौतियां भी सामने है, जहां सपा-बसपा के लिए यह चुनाव काफी अहम है, वहीं भाजपा की भी परीक्षा की घड़ी है, भाजपा पर जहां अपनी पुरानी जीत कायम रखने की चुनौती है तो सपा-बसपा को से आगे निकलने की है...

Update: 2022-02-25 06:55 GMT

आज शाम थम जाएगा पांचवें चरण के प्रचार का शोर

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है| ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है| अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब धीरे-धीरे पास हुए द्वार पर पहुंच चुका है। बता दें कि आज शाम 6:00 बजे पांचवें चरण के चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। वहीं राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार के आखिरी दिन में पूरा जोर लगाने के लिए तैयार है।

राजीतिक दलों के लिए कड़ी चुनौतियां

जहां एक तरह चुनाव प्रचार के आखिरी दिन में सियासी दल चुनावी रण में निकल चुके हैं, वहीं इसी के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में राजनीतिक दलों के लिए कड़ी चुनौतियां भी सामने है। बता दें कि जहां सपा बसपा के लिए यह चुनाव काफी अहम है, वहीं भाजपा की भी परीक्षा की घड़ी है। भाजपा पर जहां अपनी पुरानी जीत कायम रखने की चुनौती है तो सपा बसपा को से आगे निकलने की है। बता दें कि भाजपा ने वर्ष 2017 में इस चरण में 47 सीटें जीती थी और सपा ने वर्ष 2012 के चुनाव में 48 सीटें जीती थी।

11 जिलों की 61 सीटों पर होगा मतदान

बता दें कि उत्तर प्रदेश के पांचवें चरण में 11 जिलों की 61 सीटों पर कल मतदान होगा। अमेठी, सुल्तानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती और गोंडा में मतदान होना है। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने अयोध्या की सभी पांच, गोंडा की सभी सात सीटें जीती थी। राम मंदिर अयोध्या में बन रहा है। भाजपा विधानसभा चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा उठाती रही है। अब देखना होगा कि भाजपा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहे मंदिर निर्माण का कितना फायदा मिलता है। वर्ष 2017 की तरह वह अयोध्या और गोंडा की सभी सीटें जीत पाती है या नहीं।

प्रियंका गांधी गढ़ को बचाने के लिए कर रही हैं मेहनत

बता दें कि अमेठी व सुल्तानपुर किसी समय कांग्रेसी गढ़ हुआ करता था। इस चरण में इन दोनों जिलों में भी मतदान होना है। कांग्रेस की प्रियंका गांधी अपना गढ़ बचाने के लिए खूब मेहनत कर रही है। कांग्रेस वर्ष 2017 में प्रतापगढ़ की रामपुरखास सीट जीती थी। इस बार भी मौजूदा विधायक आराधना मिश्रा को मैदान में कांग्रेस ने उतारा है। अब देखना होगा कि अमेठी और सुल्तानपुर की 10 सीटों में उसे कितनी सीटों पर कामयाबी मिलती है। कांग्रेस वर्ष 2017 के चुनाव में 11 सीटों पर नंबर दो पर थी।

अखिलेश यादव ने संभाली है चुनावी कमान

बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांचवें चरण के लिए की कमान स्वयं संभाल रखी है। वह स्वयं हर जिलों में जाकर प्रचार कर रहे हैं। वह इस चरण में वर्ष 2012 की तरह कामयाबी चाहते हैं। वर्ष 2017 में सपा के लिए यह चरण काफी खराब रहा। पिछले चुनाव में उसे इन जिलों में मात्र पांच सीटें मिली थीं। बसपा का तो और भी बुरा हाल था। वह मात्र तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। इस चरण में भाजपा सात, सपा 27, बसपा 14 सीटों पर नंबर दो पर थी। अब देखना होगा कि सभी पार्टियों की मेहनत कितना रंग लाती है।

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