UP Election 2022 : बीजेपी को एक और झटका, शिकोहाबाद से एमएलए मुकेश वर्मा का इस्तीफा, 100 विधायक मौर्या के साथ होने का किया दावा

शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने भी इस्तीफा दिया। 100 विधायक मौर्या के साथ होने का किया दावा

Update: 2022-01-13 05:41 GMT

स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मनोज वर्मा ने भी इस्तीफा दिया। 

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में टूट का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ( BJP MLA Mukesh Verma ) ने भी इस्तीफा दे दिया है। मुकेश वर्मा को स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) का करीबी माना जाता है।

100 विधायक मौर्या के साथ होने का किया दावा

शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मनोज वर्मा ने दावा किया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ 100 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में वापसी का सवाल नहीं है। इस्तीफा देने की वजह पूछे जाने पर उन्होंने ने भी मौर्या, दारा सिंह चौहान और अन्य असंतुष्ट साथी विधायकों की तरह पार्टी के अंदर खुद की उपेक्षा और भाजपा का दलित और पिछड़ा विरोधी होना बताया है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP Election 2022 ) से पहले बीजेपी को झटका लगने का सिलसिल जारी है। अभी तक स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में मंत्री दारा सिंह चौहान समेत तीन पांच विधायक भाजपा का दामन छोड़ चुके हैं। योगी सरकार से मंत्री पद से स्वामी प्रसाद मौर्या और दारा सिंह चौहान पहले ही इस्तीाफ दे चुके हैं। दारा सिंह चौहान तो सपा ज्वाइन भी कर चुके हैं। इसके अलावा, शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा, बांदा जिले की तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति, कानपुर के बिल्हौर से विधायक भगवती प्रसाद सागर, शिकोहाबाद से मनोज वर्मा और एक अन्य विधायक भाजपा छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

इससे पहले MLAs रोशन लाल वर्मा ने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों और वंचितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए त्यागपत्र दिया है। वर्मा का कहना है कि मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मैं, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रहूंगा। उन्होंने कहा, हम लोगों की शिकायतें उठाते थे तो उन्हें नहीं सुना जाता था। हमने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। मैं सपा में शामिल हो रहा हूं। वर्मा का आरोप है कि भाजपा नीत सरकार में दलित व पिछड़े अल्पसंख्यक कमजोर लोगों की लगातार उपेक्षा हो रही थी। बेरोजगारी बढ़ी है। भाजपा सरकार दिखा रही है कि रोजगार दिए गए हैं।

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