UP Election 2022 : बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है उपचुनावों के नतीजे, यूपी में दिखेगा इन नतीजों का असर

कांग्रेस महास​चिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी जिस तरह यूपी में सक्रिय हैं, उससे इसका आभास हो रहा है कि उपचुनाव के नतीजों का असर यूपी में देखने को मिलेगा।

Update: 2021-11-03 08:51 GMT

लखनऊ। अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों और 3 लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव (By Election Result 2021) के नतीजे मंगलवारकांग्रेस महास​चिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी जिस तरह यूपी में सक्रिय हैं, उससे इसका आभास हो रहा है कि उपचुनाव के नतीजों का असर यूपी में देखने को मिलेगा। को आए। इन चुनावी नतीजों से कहीं कोई सरकार बनती या बिगड़ती बेशक नहीं दिखती हो लेकिन नतीजों का असर जरूर दिखेगा इसलिए इन चुनावों के नतीजों का विश्लेषण जरूरी है।

उपचुनाव (By Election Result 2021) के नतीजों से विपक्ष में खुशी की लहर है। वहीं ये नतीजे बीजेपी (BJP) के लिये खतरे की घंटी माने जा रहे हैं। उपचुनाव  के नतीजों (By Election Result 2021) के बरक्स बीजेपी (BJP) आलाकमान के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। कांग्रेस महास​चिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) जिस तरह यूपी में सक्रिय हैं, उससे इसका आभास हो रहा है कि उपचुनाव के नतीजों का असर यूपी में देखने को मिलेगा।

राजनीतिक विशलेषकों के मुताबिक, उपचुनावों के नतीजों से विपक्ष को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली है। ​वर्तमान परिस्थितियों तथा समीकरणों ने उपचुनाव के नतीजों को बेहद अहम बना दिया है। गौररतलब है कि, यह चुनाव कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम माने जा रहे थे। वास्तव में तीनों लोकसभा सीट और 25 विधानसभा सीट पर कांग्रेस सीधे मुकाबले में मैदान में थी।

उपचुनाव में जीत के बाद विपक्ष हमलावर मुद्रा में दिखाई दिया। बयानबाजी से सोशल मीडिया तक विपक्ष ने बीजेपी को जमकर घेरा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विट कर लिखा, ''कांग्रेस की हर जीत हमारी पार्टी के कार्यकर्ता की जीत है। नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ते रहो। डरो मत!'' यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडिल से लिखा गया कि, ''देवभूमि से शिवाजी भूमि तक, सिर्फ यही संदेश है। भारत के हित बचाने को, विकल्प सिर्फ कांग्रेस है।।'' वहीं एक अन्य ट्विट में लिखा कि, उपचुनाव के नतीजे नई शुरुआत, नए बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं। लोगों ने कांग्रेस पर भरोसा जताकर यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ कांग्रेस ही देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा सकती है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विट में लिखा कि,''उपचुनावों के आज आए परिणामों में जिस प्रकार भाजपा हारी और पीछे रह गयी है उसने साबित कर दिया है कि उप्र के 2022 के चुनाव में भी भाजपा बुरी तरह हारेगी। भाजपा 'ऐतिहासिक पराजय' की ओर बढ़ रही है। यही नारा आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

राजनीतिक विशलेषकों के मुताबिक, उपचुनाव या किसी भी चुनाव में जीत—हार के कई वजहें होती हैं। लेकिन उपचुनावों में बीजेपी की हार के पीछे आसमसान छूती मंहगाई बड़ी वजह है। कांग्रेस भी इस बात को बखूबी समझ रही है, इसलिये वो मंहगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।

छोटी दीवाली के दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विट कर मंहगाई को लेकर मोदी सरकार पर तंज करते हुए लिखा कि, ''त्यौहार का समय है। महंगाई से आमजन परेशान हैं। भाजपा सरकार की लूट वाली सोच ने त्यौहार से पहले महंगाई कम करने की बजाय गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल, तेल, सब्जी के दाम आसमान पर पहुंचा दिए। चुनाव के समय भाजपा 1-2रू घटाकर जनता के बीच जाएगी, तब उसे करारा जवाब मिलेगा। जनता माफ नहीं करेगी।'' वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विट में लिखा कि, ''दीवाली है। महंगाई चरम पर है। व्यंग्य की बात नहीं है। काश मोदी सरकार के पास जनता के लिए एक संवेदनशील दिल होता।''

वरिष्ठ पत्रकार विनय मिश्र कहते हैं, अगर पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया और केंद्र और राज्य सरकारें मनमाने ढंग से टैक्स वसूलती रही तो आने वाले समय में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। मिश्र के मुताबिक, उपचुनाव के परिणाम राष्ट्रीय मुद्दों पर देशव्यापी सर्वे भी माना जा रहा है। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस बात का मैसेज आम आदमी में गया है कि मोदी लहर अब कमजोर पड़ गयी है।

राजनीतिक विशलेषक डॉ. श्रीनाथ सहाय के मुताबिक, बीजेपी की हार के पीछे मंहगाई बड़ा मुद्दा है। वहीं किसान आंदोलन भी मोदी—योगी सरकार के लिये बड़ा सिरदर्द है। जिस तरह विपक्ष खासकर प्रियंका गांधी लगभग हर मुद्दे पर योगी सरकार को बुरी तरह घेर रही है, ऐसे में विपक्ष को बढ़त मिलती दिख रही है।''

यूपी उपचुनाव में बीजेपी को मिली थी बढ़त

बीते साल नवंबर में यूपी की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव हुआ था। नतीजों में बीजेपी ने बाजी मारी थी। जिसके सात में से 6 उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है। वहीं एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई। मल्हनी सीट से एसपी के लकी यादव ने जीत हासिल की है। वहीं बीजेपी ने बांगरमऊ, देवरिया, बुलंदशहर, नौगांवा सादत, टूंडला और घाटमपुर में जीत दर्ज की थी।

Tags:    

Similar News