UP Election 2022 : सपा ज्वाइन करते ही दारा सिंह चौहान ने कहा - पूर्वांचल में बढ़ाएंगे साइकिल की रफ्तार

स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह आज दारा सिंह भी साइकिल पर सवार हो गए हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान, योगेश चौहान, बृजभान चौहान को पार्टी में शामिल कराया।

Update: 2022-01-16 07:24 GMT

दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी में शामिल।

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी खींचतान के बीच नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होने का सिलसिला आज भी जारी है। रविवार को भाजपा ( BJP ) नेता दारा सिंह चौहान ( Dara Singh Chauhan ) सहित व अन्य सहयोगी दलों के कई नेता समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) में शामिल हो गए हैं। यानि दारा सिंह भी सवामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) की तरह साइकिल पर सवार हो गए। सपा ज्वाइन करते ही दारा सिंह चौहान ने कहा कि अब हम और हमारे समर्थक पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी की साइकिल की रफ्तार बढ़ाएंगे और भाजपा का सफाया करेंगे।

दारा सिंह चौहान ( Dara Singh Chauhan ) ने कहा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उत्तर प्रदेश की सरकार बदलने पर देश और दुनिया के लोगों की निगाहें लगी हुई हैं। 

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav )  ने आज योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान, योगेश चौहान, बृजभान चौहान को पार्टी में शामिल कराया। इसके साथ ही एसपी ने बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल ( Apna Dal ) में सेंध लगाई है। अपना दल के विधायक आरके वर्मा ( MLA RK Verma ) ने भी आज एसपी की सदस्यता ली है।

2 जनवरी को मंत्री पद से दिया था इस्तीफा 

दारा सिंह चौहान ( Dara Singh ) ने 12 जनवरी को मंत्री पद और भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों और किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। योगी सरकार से इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्मसिंह सैनी के साथ-साथ कई विधायक शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थेे। किसी कारण से शुक्रवार को दारा सिंह चौहान सपा में शामिल नहीं पाए थे।

दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का लगाया था आरोप

चार दिन पहले समाजवादी पार्टी में शामिल होने के फैसले पर चौहान ने कहा था कि जिन लोगों ने मुझे चुना और जो लोग मुझे चाहते हैं, उन सभी से राय लेने के बाद ये कदम उठाया है। सभी ने कहा कि जो दल दलितों और पिछड़े वर्ग को साथ लेकर चल सकता है वो समाजवादी पार्टी है। चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ने के सवाल पर दारा सिंह चौहान ने कहा था कि पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था, लेकिन पिछड़े समाज के लोगों का कोई विकास नहीं हुआ। दलितों और गरीबों के साथ खिलवाड़ हुआ। इसलिए हम लोग आहत हैं। भाजपा के फोरम पर ये आवाज उठाई थी, लेकिन सुनी नहीं गई।

भाजपा से पहले किस किस दल में रह चुके हैं दारा सिंह चौहान

दारा सिंह चौहान को दल-बदल में माहिर माना जाता है। छात्र राजनीति के बाद वो सबसे पहले कांग्रेस का हिस्सा बने। बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। वो राज्यसभा में 2006 तक रहे। बाद में वो सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए। बसपा ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय सीट से टिकट दिया। इसके बाद वो पहली बार जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 के चुनाव में मिली हार के बाद दारा सिंह चौहान ने बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। अब वो भाजपा को छोड़कर एक बार फिर सपा में शामिल हो गए हैं। 

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