फर्क साफ है - ठाकुर है इसलिए बचा है, ब्राह्मण होता तो गाड़ी पलट गई होती, सपा ने भाजपा पर लगाया माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप

सपा ने क्रिकेट खेलते हुए धनंजय सिंह का वीडियो भी जारी किया है। अपने ट्विट में सपा ने लिखा है कि फर्क साफ है! मुख्यमंत्री से जुड़े माफिया 'खेल' रहे क्रिकेट।

Update: 2022-01-05 07:57 GMT

सपा ने भाजपा पर लगाया माफिया धनंजय सिंह को संरक्षण देने का आरोप। 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आईटी रेड को लेकर जारी घमासान के बीच आज समाजवादी पार्टी ने ट्विटकर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी ( सपा ) में भाजपा पर माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाया है। इतना ही नहीं सपा ने बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह का एक वीडियो ट्विट करते हुए योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता जितेंद्र वर्मा उर्फ जीतू ने ट्वीट कर बताया है कि बाहुबली धनंजय सिंह अगर ब्राम्हण होता तो गाड़ी पलट गई होती। मुस्लिम होता तो घर गिरा दिया जाता, ये पिछड़ी व दलित जाति से होता तो फर्जी इनकाउंटर होता, ये यादव होता तो कोतवाली में हत्या हो जाती, ये मुख्यमंत्री जी की जाति का ठाकुर है, इसलिए बचा हैं।



बुलडोजर को नहीं पता माफिया धनंजय सिंह का पता

ट्विट के साथ सपा ने क्रिकेट खेलते हुए धनंजय सिंह का वीडियो भी जारी किया है। अपने ट्विट में सपा ने लिखा है कि फर्क साफ है! मुख्यमंत्री से जुड़े माफिया 'खेल' रहे क्रिकेट। 25 हजार के इनामी माफिया धनंजय सिंह सत्ता के संरक्षण में पुलिस की नाक के नीचे ले रहे खुले आसमान के नीचे खेल का मजा। क्यों न हो ऐसा, डबल इंजन सरकार के बुलडोजर को नहीं मालूम इनका पता! जनता सब देख रही, बाईस में भाजपा साफ।

एमबीएल बना लें बाबा योगी

वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक ट्विट में कहा है कि भाजपा का काम, अपराधी सरेआम!बाबा जी अपने करीबी नालबद्ध माफियाओं के टॉप टेन की सूची बनाकर एक टीम बना लें और आईपीएल की तरह एक 'एमबीएल' मतलब 'माफिया भाजपा लीग' शुरू कर दें। शहर के पुलिस कप्तान तो उनके लिए पिच बिछाए बैठे ही हैं और टीम कप्तान वो ख़ुद हैं ही… हो गए पूरे ग्यारह। एक अन्य ट्विट में उन्होंने कहा कि जब भाजपा सत्ता की शाम ढलने पर आ गई है, तब उन्हें 'शामली-गोरखपुर' एक्सप्रेसवे की याद आ रही है लेकिन मान्यवर ने अपने शासनकाल की शुरुआत में जिस 'झाँसी-दिल्ली एक्सप्रेसवे' का वायदा किया था 'सुबह के भूले' बताएं उसका क्या हुआ… और 'ग्वालियर-लिपुलेक' मार्ग की कुछ याद है कि नहीं… सुप्रभात!

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