FIR against Abhishek Mishra : समाजवादी पार्टी नेता अभिषेक मिश्रा पर मुकदमा दर्ज, कोरोना के नाम पर लगातार दर्ज हुए सपा पर मुकदमे
FIR against Abhishek Mishra : समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा पर कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप लगा है।
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) के नेता व पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ( Ex Minister Abhishek Mishra ) पर यूपी पुलिस ने केस दर्ज ( FIR ) किया है। उन पर कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन ( Coronavirus Protocol Violation ) का आरोप लगा है। लखनऊ के निराला नगर और डालीगंज रेलवे क्रासिंग के बीच में बिना अनुमति बाइक रैली निकालने और कोरोना नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में सपा के पूर्व मंत्री और अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) के करीबी नेताओं में से एकअभिषेक मिश्राके खिलाफ हसनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उनके अलावा पांच और लोग नामजद व 12 अज्ञात लोगों का जिक्र तहरीर में है। बाइक रैली का लाइव वीडियो इंस्टग्राम पर भी पोस्ट किया गया था।
बाइक रैली का वीडियो वायरल
FIR against Abhishek Mishra : इस मामले में एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के मुताबिक रविवार रात इंस्टाग्राम पर दो वीडियो बाइक रैली ( Bike Rally ) के वायरल ( Video Viral ) हुए। इसके बारे में पता किया गया तो सामने आया कि कुछ लोग समाजवादी पार्टी के पक्ष में बाइक रैली कर रहे हैं। 8 नवंबर चौराहा, निराला नगर से डालीगंज रेलवे क्रासिंग के बीच यह बाइक रैली निकाली गई। दूसरा वीडियो सीतापुर रोड से पक्के पुल के बीच का है। जांच में यह भी सामने आया कि बाइक रैली में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ( AbhiShek Mishra ) भी शामिल थे।
बाइक रैली का वीडियो इंस्टाग्राम यूजर रजी हसन ने पोस्ट किया था। इसमें कई लोग बिना मास्क के भी दिखे। इस वीडियो से पहचान होने के बाद ही हसनगंज कोतवाली के सब इंस्पेक्टर अभय मिश्र ने अभिषेक मिश्र, रजी हसन, राघवेंद्र बाजपेई, वैभव मिश्र, तनवीर अली, वैभव बाजपेई और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269 और महामारी अधिनियम की धारा-तीन के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। थाना पुलिस का कहना है कि वीडियो में दिख रहे अन्य लोगों की पहचान करने का काम जारी है।
FIR against Abhishek Mishra : बता दें कि इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के 2500 अज्ञात नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन के आरोप में यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। यह केस उस समय दर्ज हुआ था जब 14 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भाजपा के आठ विद्रोही विधायक सपा में शामिल होने की घोषणा की थी। समाजवादी पार्टी ने विद्रोही विधायकों के सम्मान में वर्चुअल रैली की थी, जिसमें भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता शामिल हुए थे। चुनाव आयोग द्वारा इस मामले का संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने सपा के अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था।