UP Election 2022 : मायावती ने एमएलए का टिकट देने के लिए पहली बार रख दी ऐसी शर्त कि कैंडिडेट से लेकर वोटर तक हैं आश्चर्यचकित

पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों से कहा कि अगर किसी के खिलाफ हत्या, अपहरण, दंगा फैलाने जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं तो उसे किसी भी कीमत पर चुनाव न लड़ाया जाए। चाहे वो पार्टी का कितना ही पुराना और समर्पित कार्यकर्ता क्यों न हो।

Update: 2021-12-24 03:12 GMT

बीएसपी सुप्रीमो मायावती। 

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ( BSP Supremo Mayawati ) ने इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव ( UP Election 2022 ) अकेले दम पर लड़ने और दागी नेताओं ( tainted leaders ) को टिकट ( MLA Ticket ) न देने का फैसला लिया है। लखनऊ में बीएसपी नेताओं की मीटिंग में उन्होंने इस बात की घोषणा की। उन्होंने पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों से कहा कि अगर किसी के खिलाफ हत्या, अपहरण, दंगा फैलाने जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं तो उसे किसी भी कीमत पर चुनाव न लड़ाया जाए। चाहे वो पार्टी का कितना ही पुराना और समर्पित कार्यकर्ता क्यों न हो।

बसपा प्रमुख मायावती ( Mayawati ) ने कहा कि अपवाद या बहुत जरूरी होने पर दागी नेताओं के रिश्तेदारों जैसे पत्नी या बेटे को टिकट देने पर विचार किया जा सकता है। बसपा प्रमुख अपने इस फैसले के बहाने यूपी चुनाव में अपनी आयरन लेडी वाली छवि को पेश करना चाहती हैं। वे अपनी सरकार के समय बेहतर कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती हैं। इस मुद्दे पर उन्हें समाजवादी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने का मौका मिल सकता है।

बसपा 403 विधानसभा सीटों पर लड़ेंगी चुनाव

मायावती ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय में यूपी के 18 मंडलों के मुख्य सेक्टर प्रभारियों और 75 जिलों के जिलाध्यक्षों के साथ बंद कमरे में चुनावी रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान जिले व बूथवार संगठन गतिविधियों की समीक्षा की। प्रदेश में 21 अक्तूबर से चल रहे पोलिंग बूथों तक संगठन विस्तार की जानकारी ली। रिपोर्ट में किसी तरह की कमी मिलने पर उसे दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। बैठक में तय हुआ कि जल्द से जल्द सभी प्रत्याशियों का नाम फाइनल कर लिया जाए। बीएसपी ने इस बार अकेले ही विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। उन्होंने अपने नेताओं को बूथ मजबूत करने को कहा।

दलितों, ब्राह्मणों, पिछड़ों पर जोर

मायावती ने कहा कि इस बार टिकट देने में दलितों, ब्राह्मणों और पिछड़ों पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि हर जिले से कम से कम एक दलित, एक ब्राह्मण एक मुस्लिम और एक पिछड़े को जरूरी टिकट मिलेगा। इस बार दलितों में गैर जाटव मतलब पासी, वाल्मीकि और खटीक को भी वरीयता दी जाएगी।

चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद मायावती करेंगे धुआंधार प्रचार

बीजेपी और समाजवादी पार्टी की ओर से जोर शोर से जारी चुनाव प्रचार पर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अमित शाह से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार दौरे पर हैं। सपा की तरफ से अखिलेश यादव भी विजय रथ पर ​निकल चुके हैं। मायावती अब तक चुनाव प्रचार पर नहीं निकल पाई हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही वे प्रचार शुरू करेंगे। उससे पहले वे सारा होम वर्क कर लेना चाहती हैं।

भाजपा और सपा पर लगाया हिंदू-मुसलमान को एजेंडा बनाने का आरोप

सपा सुप्रीमो मायावती ( BSP Supremo Mayawati ) ने भाजपा व सपा के साथ कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा घबराई हुई है। अगर वह 300 सीटें जीत रही होती तो थोक में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को न बुलाया जाता। शिलान्यास और लोकार्पण का बहाना न खोजा जाता। भाजपा व सपा विधानसभा चुनाव को हिंदू-मुसलमान बनाना चाहती है। बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा को अगर चुनाव हारने का डर न होता तो केंद्रीय नेताओं व मंत्रियों को थोक में प्रचार के लिए न बुलाया जाता। चुनाव घोषित होने से पहले प्रदेश की जनता व छात्राओं को लालच न देने पड़ते। यही स्थिति सपा और काफी कुछ अन्य विरोधी पार्टियों की भी देखने को मिल रही है।

पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मतदाताओं को करें सावधान

UP Election 2022 : मायावती ने पार्टी के नेताओं से कहा कि विरोधी पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद के बल पर चुनाव हवा अपने पक्ष में बनाने में लगी हैं। इसलिए बसपा के लोग शहर-शहर व गांव-गांव जाकर लोगों को इससे सावधान करने का काम करेंगे। यूपी की जनता ने आजादी के बाद या शुरू में काफी लंबे समय तक कांग्रेस, सपा, भाजपा व बसपा का शासनकाल देखा है। प्रदेश की जनता पूरी ईमानदारी से बताएं की सभी पार्टियों में किसकी सरकार बेहतर रही। प्रदेश जनता ही नहीं, विरोधी पार्टियों के लोग भी दबी जुबान में यही कहेंगे की बसपा का शासनकाल ही बेहतरीन रहा है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे अपने हित और कल्याण को ध्यान में रखकर इस चुनाव में किसी भी भावना, प्रलोभन व बहकावे में न आकर बेहतरीन शासनकाल को याद करते हुए वोट करें।

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