UP Election 2022: ओपी राजभर ने राजा भैया और मुलायम सिंह यादव की मुलाकात पर साधी चुप्पी, कहा - 'यही तो राजनीति है'

UP Election 2022: दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाक़ात पर सपा की सहयोगी सुभासपा के नेता ओपी राजभर ने चुप्पी साध ली है। उन्होंने केवल इतना है कि ये राजनीति है, यहां नेताओं के बीच मुलाकातें होती रहती हैं।

Update: 2021-11-28 09:11 GMT

सुभासपा के नेता ओपी राजभर।

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी करने के लिए इस बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) पूरी सिद्दत के साथ चुनावी जोड़ घटाव में लगे हैं। सुभासपा के ओपी राजभर और कृष्णा पटेल की पार्टी से उनका गठबंधन हो चुका है। आरएलडी और आप से चुनावी तालमेल अंतिम चरण में है। इस बीच यूपी की राजनीति के दबंग नेता राजा भैया ( Raja Bhaiya ) मुलायम सिंह यादव से मिले हैं। उनकी नेता जी से मुलाकात के बाद ओपी राजभर ( OP Rajbhar ) ने चुप्पी साध ली है।

हाल ही में जन्मदिन की बधाई देने के बहाने कुंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ( Mulayam Singh Yadav ) से मुलाक़ात की। राजा भैया ने मुलाक़ात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी साझा की। दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाक़ात पर सपा की सहयोगी सुभासपा के नेता ओपी राजभर ने चुप्पी साध ली है। उन्होंने केवल इतना है कि ये राजनीति है, यहां नेताओं के बीच मुलाकातें होती रहती हैं।

हिंदुत्व नहीं भाजपा की कुर्सी खतरे में है

यूपी के कौशांबी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओम प्रकाश राजभर ने मुलायम सिंह यादव और राजा भैया के बीच हुई मुलाक़ात पर चुप्पी साध ली। उन्होंने यह कहा कि ये राजनीति है और यहां हर कोई किसी न किसी से मिलता ही रहता है। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के लोग कहते हैं कि हिंदुत्व खतरे में है, लेकिन हिंदुत्व खतरे में नहीं, बल्कि भाजपा की कुर्सी खतरे में है।

मुलाकात के न निकालें सियासी मायने

वहीं मुलाकात के बाद राजा भैया पहले ही सभी सियासी कयासों पर विराम लगा चुके हैं। उन्होंने अभी अपने हालांकि, उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कुंडा से विधायक राजा भैया ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात के बाद कहा कि वह उनके जन्मदिन के मौके पर हमेशा आते रहे हैं। उनसे आशीर्वाद लेते रहे हैं और वे शुभकामनाएं देते रहे हैं। इस बार बाहर होने के कारण उनके जन्मदिन पर नहीं आए। इसलिए इसके कोई और अर्थ न निकाले जाएं।

अखिलेश राजा भैया को नहीं मानते भरोसे के लायक

दूसरी तरफ राज्यसभा चुनावों में सपा और बसपा गठबंधन प्रत्याशी का समर्थन नहीं किए जाने के कारण अखिलेश यादव राजा भैया से नाराज हैंं। दोनों के बीच के संबंध काफी कड़वे हो गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने एक सभा में बिना नाम लिए हुए राजा भैया पर निशाना साधते हुए यह भी कह दिया था कि क्षत्रियों के लिए एक पुरानी कहावत है कि रघुकुल रीति सदा चल आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। लेकिन उनका वचन ही चला गया, कैसे लोग हैं, जिनका वचन ही चला गया।

छोटे दलों का सपा के प्रति बढ़ा रुझान

UP Election 2022 : ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा से गठबंधन कर चुके हैं। इसके अलावा जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी गठबंधन करने की चर्चा है। बीते दिनों जब जनसत्ता दल के अध्यक्ष व कुंडा से विधायक राजा भैया ने मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात की तो उनके भी गठबंधन में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे। कृष्णा पटेल की पार्टी के साथ भी सपा का गठबंधन हो चुका है। आम आदमी पार्टी की भी गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है। 

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