Swami Prasad Maurya : मैं सपा में नहीं जा रहा हूं, अभी केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, बहुत जल्द BJP छोड़ दूंगा

भाजपा सत्ता के उन्माद में चूड़ है। भाजपा ने तवज्जो नहीं दिया। मैंने भाजपा को ठोकर मार दी है। भाजपा में वापस जाने का सवाल ही नहीं है।

Update: 2022-01-12 07:59 GMT

हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू, राजनीति में कोई अमर नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य की हार पर बोलीं संघमित्रा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP Election 2022 ) से ठीक पहले योगी सरकार ( Yogi Governent ) में श्रम मंत्री पद से इस्तीफा देकर खलबली मचाने के बाद आज भाजपा नेता स्वामी प्रसा मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) ने कहा कि बहुत जल्द भाजपा ( BJP ) भी छोड़ दूंगा। 14 जनवरी को अगले कदम का खुलासा करूंगा। एनडीटीवी से बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या आप सपा में शामिल होंगे,उन्होंने कहा कि अभी मैंने सिर्फ श्रम मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। मैं, फिलहाल सपा ( SP ) में नहीं जा रहा हूं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा ट्विट कर धन्यवाद देने और पार्टी में स्वागत करने को लेकर पूछे गए सवाल कि क्या आप सपा में शामिल होने जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि मेरे फैसले पर उन्होंने बधाई दी है। मैंने भी उन्हें धन्यवाद दिया हैं लेकिन, मैं सपा में शामिल नहीं होने जा रहा हूं।

उन्होंने न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि भाजपा सत्ता के उन्माद में चूड़ है। भाजपा ने तवज्जो नहीं दिया। मैंने भाजपा को ठोकर मार दी है। भाजपा में वापस जाने का सवाल ही नहीं है। भाजपा मुझे मनाने की कोशिश जरूर कर रही है। जहां केशव प्रसाद मौर्य जी के ट्विट की बात है तो वो मेरे छोटे भाई हैं। पांच साल से बेचारे बने हुए हैं। मैं, उस स्थिति में अब और नहीं रह सकता। मैं आज और कल अपने लोगों से बात करूंगा। मैं 14 तारीख़ को बताऊंगा कि मैं राजनीतिक तौर पर क्या करूंगा।

इससे पहले एक अन्य न्यूज चैनल से बातचीत में कहा था कि मैंने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार राष्ट्रीय नेताओं के सामने अपनी बात रखी। अभी तक उसका कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि केवल वोट लेने के लिए दलित पिछड़ा बहुत अच्छा लगता है, लेकिन जब सरकार में हिस्सेदारी की बात आती है तो दलित पिछड़ा समाज का नेता इनके लिए अछूत हो जाते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ( Swami Prasad Maurya ) कहा कि हिस्सेदारी की बात करने पर दलित और पिछड़ा इनकी आंख की किरकिरी बन जाते हैं। मैंने, भाजपा छोड़ने का फैसला दलितों और पिछड़ों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि 14 जनवरी को कुछ बड़ा होने वाला है। लेकिन बड़ा क्या होने वाला है, इसका जवाब तत्काल देने से इनकार किया। इस बारे में कहा कि इंतजार कीजिए।

इसके अलावा उन्होंने बातचीत के क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने सुभासपा नेता राजभर को एक संघर्षशील नेता बताया। उनका मैं सम्मान करता हूं। स्वावाभिक रूप से दलितों के उत्थान के लिए किए संघर्ष में उनका अहम स्थान है।

बता दें कि भाजपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भाजपा नेतृत्व द्वारा बात न माने जाने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से भाजपा ( BJP ) डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। भाजपा की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने का सिलसिला जारी है, लेकिन उन्होंने कहा है कि मैं भाजपा को ठोकर मार चुका हूं, वापस जाने का सवाल नहीं है। 

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