UP Election 2022 : योगी सरकार के 80 प्रतिशत मंत्री करोड़पति, 45 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले

UP Election 2022 : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक अस्सी फीसदी करोड़पति मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.34 करोड़ रुपये है....

Update: 2022-01-07 10:55 GMT

(योगी सरकार में सबसे अमीर मंत्री हैं गोपाल )

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए बहुत कम वक्त बचा है ऐसे में सत्तारुढ़ भाजपा (BJP) और अन्य राजनीतिक दलों ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है। भाजपा किसी तरह अपनी वापसी के लिए कोशिश रही है। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि योगी सरकार अपने तमाम वर्तमान विधायकों का टिकट काट सकती है जिसमें कई मंत्री भी शामिल हैं।

बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को मुख्यमंत्री बनाया गया। आदित्यनाथ कैबिनेट पर नजर डालें तो चुनावी हलफनामे के मुताबिक 80 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं जबकि करीब 45 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक अस्सी फीसदी करोड़पति मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.34 करोड़ रुपये है। योगी सरकार के सबसे अमीर मंत्री गोपाल गुप्ता नंदी (Gopal Gupta Nandi) हैं। नंदी इलाहाबाद साउथ सीट से विधायक हैं। उन्होंने अपने हलफनामे में कुल संपत्ति 57.11 करोड़ रुपये बताई थी।

जबकि अमीर मंत्रियों की सूची में इलाहाबाद वेस्ट सीट से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह दूसरे नंबर पर हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह केपास 22.06 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसके अलावा अमीर मंत्रियों की सूची में महाराजपुर सीट से विधायक सतीश महाना 20 करोड़ से अधिक की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर हैं।

हालांकि सबसे ज्यादा कर्ज भी सबसे अमीर मंत्रियों पर है। नंद गोपाल गुप्ता ने 2017 को दिए चुनावी हलफनामे में बताया था कि उनपर 26.02 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसी तरह सिद्धार्थनाथ सिंह 9 करोड़ रुपये से अधिक के कर्जदार थे। वहीं गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग सर्वाधिक कर्जदार मंत्रियों की सूची में तीसरे नंबर पर थे। अतुल गर्ग पर आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था।

चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक योगी सरकार के 84 प्रतिशत मंत्री ग्रेजुएट हैं या उससे ज्यादा पढ़े लिखे हैं। वहीं 16 प्रतिशत ऐसे हैं जो 10वीं या 12वीं तक ही पढ़े-लिखे हैं।

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