UP चुनाव 2022 : राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कल्याण की 'कलश यात्रा' निकालने की तैयारी में BJP, रणनीति में जुटा हाईकमान

22 अगस्त की रात अहिल्याबाई होल्कर स्पोर्ट्स स्टेडियम से ही इसकी स्क्रिप्ट लिखी जाने लगी थी। इसको अंतिम रूप देने के लिए सरकार, संगठन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच समन्वय चल रहा है और संकेत हैं कि जल्द इसके लिए तारीख का एलान किया जा सकता है...

Update: 2021-08-24 05:55 GMT

कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करते मोदी (photo-twitter)

जनज्वार, लखनऊ/अलीगढ। उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में श्रीराम मंदिर के नायक कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की मौत को भारतीय जनता पार्टी भुनाने की जुगत में लग गई है। राम मंदिर आंदोलन के नायक के रूप में पहचान बनाने वाले सूबे के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन पर उनकी अंतिम विदाई और सम्मान में भाजपा संगठन व प्रदेश की सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है।

खुद तीन दिन तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार में जी-जान से लगे रहे। पूरे सम्मान से अपने नेता को विदाई दिलाई। अब अंदरखाने खबर है कि प्रदेश में कल्याण सिंह की 'कलश यात्रा' (Kalash Yatra) निकालने की तैयारी शुरू होने वाली है।

चिता में आहुती देते भाजपा नेता

रविवार 22 अगस्त की रात अहिल्याबाई होल्कर स्पोर्ट्स स्टेडियम से ही इसकी स्क्रिप्ट (Script) लिखी जाने लगी थी। इसको अंतिम रूप देने के लिए सरकार, संगठन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच समन्वय चल रहा है और संकेत हैं कि जल्द इसके लिए तारीख का एलान किया जा सकता है। भाजपा व संघ से जुड़े भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो रविवार को मुख्यमंत्री के स्टेडियम से सर्किट हाउस जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल दिल्ली से पहुंचे।

इसी बीच संघ के ब्रज प्रांत प्रचारक हरीश रौतेला भी आए। इस दौरान विभाग प्रचारक जितेंद्र कुमार मौजूद रहे। संघ के इन शीर्ष पदाधिकारियों ने कल्याण सिंह के बेटे एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान कृष्णगोपाल ने राजू भैया से दस मिनट तक गुफ्तगू की और फिर वे सर्किट हाउस गए। जहां मुख्यमंत्री से वार्ता हुई।

सूत्र बता रहे हैं कि इन मुलाकातों व बातचीत में कलश यात्रा का जिक्र हुआ है। अभी इस पर पार्टी हाईकमान व संघ के शीर्ष नेतृत्व की अंतिम मुहर लगेगी, इसके बाद ही कोई निर्णय सामने आएगा। अंदरखाने सुगबुगाहट है कि राम मंदिर आंदोलन के नायक के रूप में पहचाने जाने वाले कल्याण सिंह की कलश यात्रा राम मंदिर स्थापना से जोड़कर प्रदेश भर में निकाली जाएगी।

इस दौरान कल्याण सिंह के प्रभाव वाले क्षेत्र पर विशेष फोकस रखने पर विचार चल रहा है। जिलाध्यक्ष चौ.ऋषिपाल सिंह का कहना है कि अभी इस विषय में पार्टी स्तर से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, जो भी निर्देश प्राप्त होगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा।

इस मसले पर लखनऊ की पत्रकार सोनी कपूर लिखती हैं, 'अटल घूमे लोटे में, कल्याण घूमेंगे कलश में। ये भाजपा है जनाब हर चीज से लाभ उठाना जानती है मुर्दों से भी राजनीति करवाना जानती है। योगी जी के पिता स्वर्ग सिधारे योगी जी एक बार भी ना उनकी अंतिम किर्या में उपस्थित हुए। परन्तु कल्याण सिंह स्वर्ग सिधारे तो बाबा आधी रात कल्याण सिंह जी के द्वारे। वाह रे तेरी चतुराई गोरखपुरिया मठाधीश। अब 3दिन तक कल्याण सिंह जी के मृत शरीर को घुमाया गया राजनीतिक लाभ उठाया जायेगा। धन्य हैं भगवान ऐसी राजनीति जहा मुर्दों को भी नहीं बक्शा जाता।'

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