UP Elections 2022 : इस बार कांग्रेस को हराने की बात क्यों करते हैं अखिलेश यादव?

UP Elections 2022 : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जो 7 सीट मिली थी वह एसपी के साथ गठबंधन के कारण मिली थी। लिहाजा पार्टी के कार्यकर्ता इस बार कांग्रेस को हराएं।

Update: 2021-12-23 05:40 GMT

सपा प्रमुख अखिलेश यादव का भाजपा पर फिर हमला

UP Elections 2022  :  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की औपचारिक घोषणा से पहले ही सभी दल एक दूसरे पर हमलावर हो गए हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने इस बार कांग्रेस  ( Congress ) से सीधा हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस पर हमला बोलने का एक भी अवसर वो नहीं गंवाते। उनका कहना है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस की भूमिका कहीं दिख नहीं रही है। इसलिए कांग्रेस की बात करना ही बेमानी है।

इसके बावजूद अखिलेश अपनी जनसभाओं में बीजेपी ( BJP ) के साथ ही कांग्रेस को प्रमुखता से निशाना बना रहे हैं। उन्होंने राज्य में होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस की जीत पर भविष्यवाणी भी कर दी है। अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) का कहना है कि राज्य में कांग्रेस सिफर यानि शून्य पर सिमट जाएगी। अखिलेश यादव का यह बयान तब है जब 2017 का चुनाव कांग्रेस और समाजावादी पार्टी ने मिलकर लड़ा था। आइए, हम आपको बताते हैं कि सपा की विजय रथ यात्रा की शुरुआत से लेकर अभी तक अखिलेश यादव ने कब, कहां और क्या कहा। उसी से आपको पता चल जाएगा कि वो वास्तव में श्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरह कांग्रेस को यूपी से बाहर करना चाहते हैं।

13 अक्टूबर: हमीरपुर

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष औश्र यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने मंगलवार 12 अक्टूबर को कानपुर जिले से समाजवादी विजय यात्रा पर निकलने के बाद 12 अक्टूबर को हमीरपुर पहुंचे थे। वहीं पर अखिलेश यादव ने मीडिया से गठबंधन को लेकर बात की। अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व के चुनावों में बड़े दलों के साथ गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। अब हमारी पार्टी बीजेपी को हराने के लिए छोटे दलों को गठबंधन में लाने की कोशिश करेगी। सत्ताधारी बीजेपी जानती है कि यूपी में उसको समाजवादी पार्टी टक्कर दे सकती है। इसलिए बीजेपी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बढ़ती ताकत के बारे में झूठी लहर बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा लगातार झूठ बोलने वाली पार्टी है। उनका झूठ जनता समझ चुकी है।

प्रियंका की सक्रियता पर कही ये बात

अखिलेश प्रियंका गांधी के यूपी में एक्टिव होने से क्या एसपी को नुकसान होगा, के जवाब में कहा कि किसी के एक्टिव होने समाजवादी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, दोनों में कोई फर्क है, दोनों की नीतियां एक हैं। इसलिए प्रियंका गांधी के सक्रियता से चुनाव में कोई असर सपा पर नहीं पड़ने वाला है। वहीं, चाचा शिवपाल यादव की रथ यात्रा से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए भतीजे अखिलेश यादव ने कहा कि वे भी बीजेपी के खिलाफ ही बोलेंगे।

14 नवंबर : कुशीनगर

14 नवंबर को सपा विजय रथ यात्रा लेकर कुशीनगर पहुंचे अखिलेश यादव ने अपनी विजय यात्रा रैली के दौरान राज्य की सत्ताधारी बीजेपी के साथ ही कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा - 'पिछली बार कांग्रेस हमारे साथ गठबंधन की वजह से जीती थी और इस बार कांग्रेस के उम्मीदवारों को हरा देना है। हमें कांग्रेस को इस बार सबक सिखाना है।'

03 दिसंबर : झांसी

समाजवादी वार्दी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav )  ने तीन दिसंबर को झांसी में विजय रथयात्रा निकाली और भाजपा पर जमकर बरसे। इस दौरान अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लेकर भविष्यवाणी भी कर दी। अखिलेश ने कहा कि मुझे कांग्रेस पार्टी का रोल नहीं पता है। जनता उन्हें नकार देगी, हो सकता है उनकी गिनती शून्य हो जाएं। यानि इस बार अखिलेश कांग्रेस को एक भी सीट जीतने योग्य नहीं समझ रहे हैं।

प्रियंका बोली सभी सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस

13 नवंबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ऐलान किया था कि पार्टी यूपी के सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों को उतारेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में एसपी और बीएसपी कहां है। लखीमपुर खीरी में एसपी और बीएसपी कहां थे। वहां सिर्फ कांग्रेस थी। इसलिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सभी सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट देगी और अपने बलबूते सरकार बनाएगी।

2017 में कांग्रेस और एसपी का था गठबंधन

UP Elections 2022 : साल 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एसपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब भाजपा के विरोध में राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने चुनाव की कमान संभाली थी। लेकिन दोनों ही दल कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। कांग्रेस को महज सात सीटें मिली जबकि चुनाव में समाजवादी पार्टी को 54 सीटें ही मिली। वह राज्य की सत्ता से बाहर हो गई। एसपी का कांग्रेस से गठबंधन टूट गया। वहीं एसपी ने लोकसभा चुनाव में बीएसपी के साथ गठबंधन किया था। लेकिन पार्टी को सिर्फ पांच सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

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