UP Elections 2022 : योगी आदित्यनाथ की नई सरकार में किसकी होगी इंट्री, कौन होगा बाहर?
UP Elections 2022 : इस बार के विधानसभा चुनावों में केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं। ऐसे में ये देखना भी दिलचस्प होगा कि वे दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाए जाते हैं या भाजपा उन्हें कोई और जिम्मेदारी सौंपती है। दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के बारे में भी कहा जा रहा है कि वे इस बार सरकार में शामिल नहीं होंगे। दिनेश शर्मा ने विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा था। यूपी के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा चल रही है कि दिनेश शर्मा को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के बाद एनडीए और खासकर भाजपा के खेमे में सरकार गठन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली जाकर पार्टी के प्रधानमंत्री समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके हैं। योगी की नयी सरकार के गठन का खाका तैयार किया जा रहा है। ऐसे में इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गयी है कि योगी आदित्यनाथ की नयी सरकार पिछली सरकार से कितनी अलग होगी। यहां हम आपको बता दें कि यूपी की निवर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सहयोग करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे। जिनमें एक थे 2017 के चुनावों में प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व करने वाले केशव प्रसाद मौर्य और दूसरे थे दिनेश शर्मा।
इस बार के विधानसभा चुनावों में केशव प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए हैं। ऐसे में ये देखना भी दिलचस्प होगा कि वे दोबारा उपमुख्यमंत्री बनाए जाते हैं या भाजपा उन्हें कोई और जिम्मेदारी सौंपती है। दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के बारे में भी कहा जा रहा है कि वे इस बार सरकार में शामिल नहीं होंगे। दिनेश शर्मा ने विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा था। यूपी के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा चल रही है कि दिनेश शर्मा को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की ओर से इस बार उपमुख्यमंत्री पद के लिए किन चेहरों पर दांव खेला जाता है। हालांकि सूत्रों की मानें तो फिलहाल वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम डिप्टी सीएम के पद के लिए आगे चल रहा है। हालांकि यह भी तय है कि डिप्टी सीएम एक से अधिक होगा ऐसे में कौन से नए नेता इस पद के लिए चुने जाएंगे इसके लिए भाजपा के पत्ते खोलने का हमें इंतजार करना होगा।
सूत्रों के अनुसार इस बार योगी 2.0 सरकार के गठन में महिलाओं, जातीय समीकरण, शैक्षणिक योग्यता, उम्र और पिछली विधानसभा में विधायकों और विधानपार्षदों के प्रदर्शन को तवज्जो दी जाएगी। बीते 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से भाजपा में नई सरकार के गठन के लिए बैठकों का दौरा शुरू हो गया है।
कई ऐसे नेता भी हैं जिन्होंने विधानसभा चुनावों से कुछ महीनों पहले ही पार्टी का दामन थामा था। उनमें से कई ने इस बार के चुनावों में जीत भी दर्ज की है। उन नेताओं में से भी कुछ को योगी आदित्यनाथ की नई यूपी सरकार में मौका दिया जा सकता है। हालांकि भाजपा में सरकार गठन के लिए अब तक जो कवायद हुई है उससे यह तो निकलकर सामने आ ही रहा है कि अलग—अलग स्थानों का जातीय समीकरण संबंधित इलाकों के विधायकों का प्रतिनिधित्व इस बार के सरकार गठन पर सबसे ज्यादा असर छोड़ने वाली है।
सूत्रों के अनुसार पिछली यूपी विधानसभा के कुछ विधायकों और सरकार के कुछ मंत्रियों को लेकर आम जनता में काफी नाराजगी थी। लोगों का कहना था कि वे नेता अपनी विधानसभा के लोगों के बीच ना जाते थे ना ही उनसे संपर्क रखते थे। ऐसे नेताओं और विधायकों का नई सरकार से पत्ता कटना भी लगभग तय माना जा रहा है।
बिहार की तरह इस बार उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के पक्ष में महिलाओं का वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है। इसी कारण भाजपा को बहुमत हासिल करने में बहुत सहूलियत हुई। महिलाओं का भाजपा के प्रति रुझान दिखने से यह भी लगभग तय हो गया है कि महिलाओं का यूपी की नई सरकार के गठन में अहम भूमिका रहेगी। कई ऐसी महिला विधायक हैं योगी 2.0 सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
आने वाले कुछ दिनों में भारतीय जनता पार्टी विधान परिषद के 36 सीटों के लिए भी अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित करने वाली है। विधान परिषद सदस्य होते हुए मंत्री बने कई एमएलसी के नाम उम्मीदवारों की इस लिस्ट में दोबारा शामिल हो सकते हैं। सिरौथू सीट से चुनाव हार चुके नितर्वमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी भाजपा उनकी लोकप्रियता और पिछली सरकार के दौरान उनके कामकाज को देखते हुए विधान परिषद भेज सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला होना अभी बाकी है।
चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार दिल्ली का दौरा कर केन्द्रीय नेतृत्व के साथ सरकार गठन के लिए बैठक कर चुके हैं। इन बैठकों में भाजपा के निवर्तमान मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, बीजेपी के यूपी के प्रदेश महासचिव सुनील बंसल भी शामिल रहे हैं।
सरकार गठन को लेकर हुई कुछ बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की खबर है। हालांकि अधिकतर बैठकें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में हुई है।
भाजपा के उत्तर प्रदेश की कोर कमेटी ने भी बुधवार को प्रदेश में नई सरकार के गठन के छह घंटे लंबी चली मैराथन बैठक की है। इस बार के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 255 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं, समाजवादी पार्टी को इस बार 111 और उनकी सहयोगी एसबीएसपी को छह सीटें मिलीं हैं। बसपा और कांग्रेस को इस बार के विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है।