'बाबा के दरबार बा-ढहत घरबार बा, माई-बेटी के आग में झोंकत यूपी सरकार बा...'

नेहा सिंह राठौर बोलीं, 'आज का हिन्दू अब्दुल को टाइट करने में इतना व्यस्त है कि उसे कानपुर देहात में मां-बेटी के जिंदा जल जाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा, अब उसकी भावनाएं सिर्फ दीपिका के कपड़ों के रंग से आहत होती हैं...

Update: 2023-02-17 05:07 GMT

Neha Singh on Kanpur Kand : यूपी में का बा और बिहार में का बा गीत से सोशल मीडिया की सनसनी बनी नेहा सिंह राठौर एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा का कारण है उनका यूपी में का बा 2 गाना, जिसके जरिये उन्होंने अपने चिर-परिचित भोजपुरी अंदाज में कानपुर देहात में हुए अग्निकांड पर गाना गाकर योगी सरकार और उनके अधिकारियों की अच्छी लानत-मलालत की है। नेहा ने इस गाने के जरिये कानपुर के डीएम से लेकर जिला प्रशासन और योगी के बुल्डोजर जस्टिस पर सवाल खड़े किये हैं।

योगीराज पर निशाना साधते हुए नेहा गाती हैं 'लोकतंत्र के नाम पर भैया, भईल कोढ़ में खाज बा...साथ ही जाति और संप्रदायों की राजनीति करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहती हैं, हिंदू जलेंगे तो मुसलमान भी जलेंगे, अब ये मत समझना कि सिर्फ अब्दुल का मकान जलेगा।

अपनी एक टिप्पणी में नेहा कहती हैं, 'आज का हिन्दू अब्दुल को टाइट करने में इतना व्यस्त है कि उसे कानपुर देहात में मां-बेटी के जिंदा जल जाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा, अब उसकी भावनाएं सिर्फ दीपिका के कपड़ों के रंग से आहत होती हैं। मुँह में दही क्यों जमा है सबके। मरे हुए लोग भी इसी देश के नागरिक थे, अब खून क्यों नहीं उबाल मार रहा फ़र्ज़ी लोगों का।'

प्रशासनिक अधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा 'बाबा के डीएम तो बड़ी रंगबाज बा, कानपुर देहात में ले आइल रामराज बा। बुलडोजर से रौंदते दीक्षित के घर वार बा, यही बुलडोजर पर बाबा के नाज बा।' नेहा ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल ट्वीटर और फेसबुक पर शेयर किया है, जिसे अब तक लाखोंलाख लोग देख चुके हैं।

गौरतलब है कि कानपुर के दीक्षित परिवार में मां-बेटी को बुल्डोजर ने रौंद दिया था, जिसके बाद लगी आम में दोनों जलकर खाक हो गये थे। इस घअना में अब तक योगी सरकार ने डीएम कानपुर देहात नेहा जैन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। हालांकि शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त कानपुर राजशेखर और एडीजी जोन कानपुर आलोक सिंह की एक संयुक्त एसआईटी खानपूर्ति के लिए गठित की गयी है, जो नामभर के लिए डीएम-एसपी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है।

गौरतलब है कि कानपुर देहात के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने के दौरान झोपड़ी में मां बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गयी। जानकारी के मुताबिक चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से प्रशासन की टीम कब्जा हटाने गई थी और इसी दौरान प्रशासनिक लापरवाही से गोपाल दीक्षित की झोपड़ी धू—धू कर जल गयी, जिसमें झोपड़ी के अंदर मौजूद गोपाल दीक्षित की पत्नी और पुत्री दोनों जिंदा जलकर खाक हो गये।

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