UP : तीसरे चरण के 17% उम्मीदवारों पर दर्ज हैं बलात्कार और हत्या के मामले, BJP सबसे आगे

UP Election 2022 : ADR की रिपोर्ट से साफ है कि राजनीतिक दलों की चुनावी प्रणाली में सुधार करने में कोई रुचि नहीं है।

Update: 2022-02-19 06:06 GMT

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए कल वोट डाले जाएंगे। इस बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ( ADR Report  ) ने तीसरे चरण के दागी प्रत्याशियों की सूची भी जारी कर दी है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिाक यूपी विधानसभा चुनाव के थर्ड फेज में चुनाव लड़ने वाले 623 उम्मीदवारों में से 103 या 17 फीसदी पर बलात्कार और हत्या जैसे संगीन मामले दर्ज हैं।

एडीआर की रिपोर्ट से साफ है कि राजनीतिक दलों की चुनावी प्रणाली में सुधार करने में कोई रुचि नहीं है। साथ ही यह भी कहा है कि हमारे लोकतंत्र को कानून तोड़ने वालों के हाथों नुकसान होता रहेगा जो कानून बनाने वाले बन जाते हैं।

26 सीटों पर 3 से ज्यादा दागी प्रत्याशी लड़ रहे हैं चुनाव

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ( ADR ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 135 ( 22% ) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ( एडीआर ) की रिपोर्ट उनके चुनावी हलफनामों के विश्लेषण पर आधारित है। तीसरे चरण में 20 फरवरी को 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होने वाले 59 निर्वाचन क्षेत्रों में से 26 ( 44% ) "रेड अलर्ट" हैं, जिनमें तीन या अधिक उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दो उम्मीदवारों पर बलात्कार और कई हत्या के आरोप हैं।

दागी प्रत्याशियों के मामले में सत्ताधारी भाजपा सबसे आगे है। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के 55 प्रत्याशियों में से 20 यानि 36 फीसदी प्रत्याशी दागी हैं। समाजवादी पार्टी ( SP ) के 58 में से 21 ( 36% ), बहुजन समाज पार्टी ( BSP) के 59 में से 18 ( 31% ), कांग्रेस ( Congress ) के 56 में से 10 ( 18% ) और आम आदमी पार्टी (आप ) के 49 में से 11 ( 22% ) गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 30 ( 52% ) सपा, 25 ( 46% ) भाजपा, 23 ( 39% ) बसपा, 20 ( 36% ) कांग्रेस और 11 ( 22% ) आप उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।

UP Election 2022 : बता दें कि फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने का कारण बताने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का जवाब देने के लिए कहा था कि उनके बिना अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है। इसी तरह चुनाव आयोग ने भी सियासी दलों को आदेश दिया है कि वे पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर दागी प्रत्याशियों की जारकारी प्रकाशित करें।

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