8 पुलिसवालों को गोलियों से छलनी करने वाले विकास दुबे को क्यों नहीं पकड़ पायी UP पुलिस, उठ रहे सवाल
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे सवाल कि इस तथ्य से ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है कि यूपी पुलिस जिसके पास 2 लाख से अधिक पुलिस बल है, वह एक विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर पायी...
जनज्वार। 8 पुलिसवालों को मौत के घाट उतारकर चर्चा में आया गैंगस्टर विकास दुबे अब पुलिस गिरफ्त में है, मगर यूपी नहीं एमपी पुलिस की गिरफ्त में। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह—तरह के सवाल उठा रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि पिछले हफ्ते भर से यूपी पुलिस इतनी भारी मात्रा में टीमें गठित करने के बाद और इतना ज्यादा संख्याबल में होने के बाद एक गैंगस्टर को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पायी।
लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि एनकाउंटर के लिए ख्यात रही यूपी पुलिस की आखिर कौन सी मजबूरी रही या फिर सत्तासीनों का ऐसा कौन सा दबाव काम कर रहा था कि विकास दुबे पूरे उत्तर भारत में जॉयराइड करता रहा और पुलिस उसे ढूंढ़ने का नाटक मात्र कर रही थी।
संघी कैप्टेन नाम के ट्वीटर हैंडल ने लिखा है, 'गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार किया गया है। यूपी पुलिस पूछताछ कक्ष में जीभ से अपना चेहरा धो रही है।'
पत्रकार रोहिणी सिंह लिखती हैं, 'क्या इस तथ्य से ज्यादा शर्मनाक कुछ भी हो सकता है कि यूपी पुलिस जिसके पास 2 लाख से अधिक पुलिस है, वह एक विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं कर पायी। वो अपराधी पूरे उत्तर भारत में जॉयराइड करता रहा, रास्ते में राज कचहरियाँ खाता था, महाकाल मंदिर में प्रार्थना करता था और फिर एमपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देता है?'
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गुलरेज अहमद ने ट्वीट किया है, 'UP पुलिस खुद राज्य की सबसे दंबग माफिया है और BJP जैसी पवित्र पार्टी की क्षत्र व छाया में राम राज्य स्थापित कर रही है।'
अफजल अशरफ ने ट्वीट किया है, 'वो विकाश दुबे जिसकी तलाश 6 राज्य की पुलिस कर रही थी, जिसके ऊपर 5 लाख का इनाम था, वो अकेले एक बैग लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया था। जिसने कई एक से बड़े एक अपराध किए हो, वो एक मन्दिर के गार्ड के हाथो पकड़ा गया और उसने कुछ नहीं किया। ये गिरफ्तारी कम आत्मसमर्पण ज्यादा लगता है। इसके जांच होनी चाहिए। खैर जो कुछ भी हो, उस जानवर को बीच चौराहे पे सबके सामने गोली मार देनी चाहिए ताकि आगे कोई भी अपराधी पुलिस के उपर हमला करने से पहले 1000 बार सोचे।'
कृष्णा ने ट्वीट किया है, 'उनके लिए 2 मिनट का मौन जिन्होंने सोचा था कि #VikasDubey को एक मुठभेड़ में समाप्त कर दिया जाएगा और वह इससे बाहर एक बड़ा मुद्दा बना सकता है।'
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया है, 'एक सेवानिवृत्त IPS अधिकारी ने मुझसे कहा है कि इसकी संभावना बहुत कम है कि विकास दुबे और उसके सहयोगी पकड़े जायेंगे, ज्यादातर का इनकाउंटर कर दिया जायेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वो लोग बहुत सारे बड़े लोगों का रहस्य खोलकर रख देंगे। यह 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारे जाने का छठा दिन है। अब देखिये क्या होता है।'
अंजू शर्मा ने राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर रिट्वीट किया है, 'इस मुद्दे को बहुत अधिक न उठाएं, क्योंकि विकास दुबे और उसके लोगों देश के लगभग सभी दलों के साथ संबंध थे और अगर वह कांग्रेस का नाम लेंगे तो आपको अपने शब्दों को वापस लेना होगा और महलनुमा घरों सहित कई एहसान वापस करने होंगे।'
पत्रकार रोहिनी सिंह ने ट्वीट किया है, 'अपराधियों के साथ पुलिस की सांठगांठ जंगल राज है। इस जंगलराज में अपराधियों द्वारा क्रूरतापूर्वक पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गयी। पुलिस नियत प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है और अपराधियों को हिरासत में मार रही है, ताकि कुछ राज दफन रहें और जंगल राज भी हो।'