Uttarakhand : आधे सफर में ही बिखरने लगा AAP का कुनबा, केजरीवाल के दौरे से एक दिन पहले लगा पार्टी को बड़ा झटका

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी का कुनबा चुनाव से पहले ही बिखरने लग गया है।

Update: 2022-01-02 10:35 GMT

आम आदमी पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनंतराम चौहान ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहते हुए कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया।  

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव ( Uttarakhand Election News ) में पहली बार अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party ) का कुनबा चुनाव से पहले ही बिखरने लग गया है। अपनी मुफ्त योजनाओं की घोषणा के चलते भाजपा-कांग्रेस ( BJP-Congress ) की आंखों की किरकिरी बन रही आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड प्रदेश में बड़ा झटका लगा है।

पहली बार उत्तराखंड में चुनाव लड़ने जा रही इस पार्टी का एक बड़ा चेहरा अपनी उपेक्षा के चलते रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गया है। भारतीय पुलिस सेवा के तेज-तर्रार अधिकारी रहे व आम आदमी पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अनंतराम चौहान ( Anantram Chauhan ) ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहते हुए कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया।  




उत्तराखंड पुलिस से अनंतराम चौहान डीआईजी पद से रिटायर हुये थे। रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी अगली पारी राजनीति में खेलने का निर्णय लेते हुए प्रदेश में अपनी जड़ें जमाने का प्रयास कर रही आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेकर राजनीतिक डगर पर अपना सफर शुरू किया था। लेकिन वह पार्टी में अपनी उपेक्षा को लेकर वह खिन्न थे। पार्टी ने उन्हें महज एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह ट्रीट करते हुए उन्हें कार्यकारी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर करीब-करीब हाशिये पर ही रखा। अनंत चौहान को पहले पार्टी में विकास नगर से टिकट देने की बात हुई थी। लेकिन इस बीच विकास नगर इलाके के एक व्यापारी ने आप पार्टी में पैठ बना ली। इसके बाद आप नेताओं ने अनंत राम को गढ़वाल का अध्यक्ष बना कर उक्त व्यापारी के टिकट का रास्ता साफ कर दिया।

इसी बात से अनंत राम नाराज चल रहे थे। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी का दिल्ली दरबार भी कर्नल अजय कोठियाल के अलावा प्रदेश के किसी भी अन्य नेता को कोई खास तरजीह नही दे रहा है, जिसको लेकर पार्टी के कुछ और नेता पार्टी में असहजता अनुभव कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व की इस कार्यशैली के कारण ही राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान के भी जल्द ही आम आदमी पार्टी छोड़ने की सुगबुगाहट है। जुगरान भाजपा से आप पार्टी में शामिल होने के बाद कई कारणों से ऐसे नाराज हैं कि वह पार्टी की किसी गतिविधियों में नजर नहीं आते।

चौहान काफी समय से पार्टी में अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के स्थानीय व दिल्ली नेतृत्व ने भी चौहान की बैचेनी को समझने का कोई प्रयास नहीं किया। जिस कारण उन्होंने रविवार को दिल्ली में प्रियंका गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ( CM Arvind Kejriwal ) के उत्तराखंड दौरे से एक दिन पहले ही पार्टी को मिले इस जख्म से कराह रही आप को क्या केजरीवाल का कल का दौरा उबार पायेगा या नहीं, यह सवाल बना हुआ है। इससे पहले तीन दिन पूर्व ही पूर्व आईएएस सुवर्धन शाह भी आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। चौहान के कांग्रेस में शामिल होने को कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवप्रभात की कोशिशों का नतीजा बताया जा रहा है।

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