Uttarakhand Congress : कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हो सकती है दनादन झड़प, 21 मार्च को होगा दिलचस्प नजारा

Uttarakhand Congress : चुनाव के बाद जिस प्रकार वरिष्ठ नेताओं के बीच भीतरघात को लेकर चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, उससे साफ है कि यह समीक्षा बैठक बेहद गरम रह सकती है....

Update: 2022-03-19 11:35 GMT

(कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हो सकती है दनादन झड़प, 21 मार्च को होगा दिलचस्प नजारा)

Uttarakhand Congress : विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) की ओर से चुनावी हार की सोमवार को होने वाली समीक्षा बैठक में पार्टी क्षत्रपों में खासी झड़प होने की संभावनाएं हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal) के त्यागपत्र दिए जाने के बाद से कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर भी अंदरूनी मंथन चल रहा है। नया अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर सियासी फिजाओं में कई नाम तैर रहे हैं।

सूबे में पार्टी को मिली करारी हार की समीक्षा और संगठनात्मक सुधार की जिम्मेदार कांग्रेस हाईकमान ने वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे (Avinash Pandey) को सौंपी है। अविनाश पांडे होली के बाद हार के कारणों पर विधायकों, पार्टी प्रत्याशियों और बड़े नेताओं के साथ मंथन करने के साथ ही संगठन के पुनर्गठन, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तय करने का फार्मूला भी तलाशेंगे। समीक्षा बैठक 21 मार्च को तय की गई है। इसमें अविनाश पांडेय के साथ प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी उपस्थित रहेंगे।

चुनाव के बाद जिस प्रकार वरिष्ठ नेताओं के बीच भीतरघात को लेकर चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, उससे साफ है कि यह समीक्षा बैठक बेहद गरम रह सकती है। चुनावी हार के बाद जिस प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व नेता-प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह गुट में तनातनी बनी हुई है, उससे लग रहा है कि दोनों गुटों के नेताओं के समर्थन में उनके समर्थक आपस में भी भिड़ सकते हैं।

ऐसे कयास इसलिए भी लग रहे हैं कि कांग्रेस संस्कृति में इसे बुरा नहीं माना जाता। हरीश रावत (Harish Rawat) कैम्प समर्थकों द्वारा पहले भी समय-समय पर इस प्रकार की भिड़ंत की जाती रही है। चुनावी हार को लेकर दोनों कैम्प जिस प्रकार एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, उससे बैठक के अविस्मरणीय रहने के आसार बन रहे हैं।

चुनावी हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप के अलावा प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का इस्तीफा हो चुका है। अब तक दो विधानसभा चुनाव जीतने वाले गणेश गोदियाल को पार्टी ने चुनाव से कुछ ही दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। संगठनात्मक क्षमता और वाकपटुता से उन्होंने खुद को साबित करने की कोशिश भी की। लेकिन चुनाव में पार्टी को मिली हार ने उनके किए धरे पर पानी फेर दिया। इस चुनाव में उन्हें भी श्रीनगर से अपनी सीट भी हारनी पड़ी। चर्चा है पार्टी एक बार फिर से उनके नाम पर विचार कर सकती है।

पार्टी पदाधिकारियों में चर्चा है कि उन्हें विषम परिस्थितियों में जिम्मेदारी मिली थी, ऐसे में उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए। नए संभावित अध्यक्ष पद के लिए कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत, यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, राजेंद्र भंडारी और मनोज तिवारी जैसे नामों की भी चर्चा है। हालांकि इस बात की भी पूरी संभावना है कि गणेश गोदियाल को एक बार फिर से प्रदेश की जिम्मेदारी दे दी जाए। लेकिन प्रीतम खेमा अध्यक्ष पद को भी अपने पास रखने में खासी दिलचस्पी दिखा रहा है।

बहरहाल, बैठक में निर्णय कुछ भी हो, लेकिन बैठक हंगामेदार होगी, इस बात के पूरे आसार बन रहे हैं।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा। इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें।)

Tags:    

Similar News