Uttarakhand Election 2022 : कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस बात के लिए मांगी माफी, कहा - मेरे मुंह से वो शब्द शोभा नहीं देता

कुछ देर पहले ट्विट कर बताया है कि कल या​नि शनिवार को #pressconference में थोड़ी गलती हो गई। मेरा नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है। चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं, बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा।

Update: 2021-12-26 08:06 GMT

आरोपों से आहत हरीश ने दी कांग्रेस मुख्यालय पर उपवास की धमकी, करारी हार के बाद भी कम नहीं हो रहे तेवर

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव ( Uttarakhand Election 2022 ) को लेकर सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ( Harish Rawat Tweet )  ने अपनी एक भूल के लिए प्रदेश के लोगों और पार्टी वर्कर्स से माफी मांगी ( Harish Rawat apologized ) है। उन्होंने कुछ देर पहले ट्विट कर बताया है कि कल या​नि शनिवार को #pressconference में थोड़ी गलती हो गई। मेरा नेतृत्व शब्द से अहंकार झलकता है। चुनाव मेरे नेतृत्व में नहीं, बल्कि मेरी अगुवाई में लड़ा जाएगा। मैं, अपने उस घमंडपूर्ण उद्बोधन के लिए क्षमा चाहता हूं। मेरे मुंह से वह शब्द शोभाजनक नहीं है। #uttarakhand

मेरे, शब्द के अनर्थ को भांपते ही मांग ली माफी

माना जा रहा है कि ट्विट बम फोड़ने के बाद दिल्ली से आशीर्वाद की ताजा डोज लेकर लौटे कांग्रेस नेता ने अपने कुछ असहज करने वाले शब्दों के लिए माफी मांगकर बड़े दिल वाला बनने का प्रयास किया है। एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने जो शब्द कहे थे, उसके निहितार्थ दूर तक जाने का अंदेशा होते ही रावत ने माफी मांग ली है।

दरअसल, दिल्ली से देहरादून वापस लौटने के दौरान हरिद्वार में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में हरीश रावत ने विधानसभा चुनाव से जुड़े एक सवाल में कहा कि चुनाव "मेरे नेतृत्व" में ही लड़ा जाएगा। इस मेरे नेतृत्व शब्द की प्रतिध्वनि से लोगों ने अपने-अपने हिसाब से निहितार्थ निकालने शुरू कर दिए थे। 

हरदा का बयान जले पर नमक छिड़कने जैसा

पार्टी आलाकमान से अपनी बात मनमाने और दिल्ली से वापसी पर जिस प्रकार हरदा खेमा ने उनका व्यापक स्वागत करते हुए उनकी दिल्ली वापसी को खेमेबाजी में बंटी कांग्रेस में अपनी जीत के तौर पर से अधिक दूसरे गुट की पराजय के रूप में प्रचारित कर रहा था, उससे हरदा से इतर दूसरे लोग राजनैतिक रूप से अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। इसी बवाल के बीच देहरादून स्थित कांग्रेस भवन में हुई मारपीट की घटना में भी हरीश गुट हावी रहा। उक्त घटना के बाद पत्रकार वार्ता में हरदा का "मेरे नेतृत्व" में शब्द प्रयोग करना दूसरों के जले पर नमक छिड़कने जैसा था। इन शब्दों से झलक रहा था कि चुनाव अभियान के दौरान हरीश रावत ही कांग्रेस पार्टी के ऐसे मात्र सेनापति हैं। और बाकी टीम केवल उनके आदेश का ही पालन करेगी।

दिल्ली दौरे के बाद अति उत्साहित हैं हरदा

बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तराखंड में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली को संबोधित किया था। रैली के लिए बनाए गए मंच पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने न तो उन्हें मंच पर जगह दी न ही पोस्टर में उनका फोटो लगाया। इतना ही नहीं पहले से बनवाए गए बैनर से उनका फोटो हटवा दिया। रही सही कसर विरोधी गुट ने हरदा को अपमानित कर पूरा कर दिया। इसके बाद हरदा ने ट्विट कर आलाकमान से नाराजगी जताई थी। उनके ट्विट को लेकर बवाल मचने के बाद दिल्ली में पार्टी ने बीचबचाव कर मामले को सुलझा दिया। साथ ही हरदा को हरी झंडी देते हुए टीम को लीड करने के लिए कह दिया। उसके बाद हरदा अति उत्साहित हैं और आलाकमान का गुनगान पहले की तरह करने लगे हैं।


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