Uttarakhand : AAP की ओर से सीएम पद की पेशकश पर बोले हरीश रावत, 'मैं कांग्रेस की बालिका वधू'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने ताजा बयान की वजह से फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने अपने बयान में खुद को कांग्रेस की बालिका बधू बताया है।

Update: 2021-12-29 07:05 GMT

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देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक अफवाह से पर्दा उठाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत उर्फ हरदा ने एक बार फिर सुर्खियों में आने वाला बयान दिया है। देहरादून में एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने खुलकर अपनी बात रखते हुए खुद को कांग्रेस की बालिका वधू बताया।

श्मशान जाना मंजूर, कांगेस से अलग होना संभव नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा — 'मैं कांग्रेस की बालिका वधू' हूं। यह बयान उन्होंने कांग्रेस से चल रही उनकी नाराजगी और आम आदमी पार्टी में उनके शामिल होने के सवाल पर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस कुछ दे या नहीं, मैं कांग्रेस की बालिका वधू हूं। अपनी बात निर्भीकता से कहता हूं। मुझे बालिका वधू के रूप में श्मशान जाना मंजूर है, लेकिन कांग्रेस से अलग होना मंजूर नहीं।

कांग्रेस पंजाब और उत्तराखंड में जीत के कगार पर

न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में दावा किया पंजाब में कांग्रेस फिर सत्ता में लौटेगी। हरीश रावत ने कहा कि हम अटल बिहारी और राजीव गांधी के युग के लोग हैं। उस वक्त एक दल से दूसरे दल में जाने को पाप माना जाता था। हम लोकतंत्र में जनता का विश्वास जीतकर सत्ता हासिल करने में यकीन रखते हैं। कांग्रेस चुनाव जीत पाने के कगार पर है।

हम ईडी और सीबीआई से नहीं घबराते

उत्तराखंड में सत्ताधारी रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी राज्यों में विपक्ष पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसे मगरमच्छ का प्रयोग परेशान करने के लिए करती है। हमें इनका मुकाबला तैर कर पार करना है। दूसरी तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर रावत ने कहा कि मैं केजरीवाल जी से कहना चाहता हूं कि वह अपने पार्टी की पहचान वोट कटुआ के रूप में न बनाएं। उत्तराखंड की विभिन्नता को समझने के लिए केजरीवाल को अभी 5 से 7 साल का समय देना होगा।

बता दें कि हरीश रावत की कांग्रेस से नाराजगी पिछले दिनों खुलकर सामने आई थी। बीते दिनों उन्होंने अपने कई ट्वीट में कहा था ​कि है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। 

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